शनिवार, 8 मई 2021

My speech given at the reception of the trainees of D.El.Ed.

 




       साई कॉलेज ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग, ओनामा के माननीय अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्य अतिथि, प्राचार्य, प्राध्यापकगण, प्रशासनिक कर्मचारी, प्रशिक्षु एवं हमारे नए आगुन्तक प्रशिक्षुगण। आज आप सभी का साई कॉलेज के प्रांगण में स्वागत🙏 है। मेरा नाम विश्वजीत कुमार है और मैं आप सभी को कला की शिक्षा दूंगा। कला के बारे में बस इतना ही कह सकते हैं कि मन में उत्पन्न भावों को कैनवास पर व्यक्त करना ही कला है। 
        मैं आप सभी को प्रशिक्षण के लिए डी.एल.एड. कोर्स और सबसे अच्छा कॉलेज चुनने के लिए आपकी पसंद की सराहना करता हूं और आप पूरी लगन और निष्ठा से अपना कोर्स पूरा करेंगे इसकी कामना भी करता हूं। आप एक शिक्षक बनने के उद्देश्य से इस महाविद्यालय में नामांकन कराएं हैं और एक शिक्षक को सर्वगुण संपन्न होना चाहिए। इसी उद्देश्य से इस महाविद्यालय में अध्ययन के साथ-साथ खेल, लेखन कला, नृत्य, संगीत, इत्यादि। की भी शिक्षा प्रदान की जाती है ताकि आपके अंदर सभी तरह के नेतृत्व, टीम वर्क, आत्मविश्वास, सम्मान, इत्यादि। जैसे व्यक्तिगत गुणों का विकास हो सके। मैं आपको सलाह देना चाहूंगा कि आप हर कार्य में असाधारण बने और जो भी कार्य आप कर रहे हैं उसे पूरे दिल से करें तभी आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं। सफलता से मुझे एक घटना याद आ रही है- एक बार ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से किसी ने पूछा कि सफलता की परिभाषा को हम कैसे माप सकते हैं? एक इंसान को कब समझना चाहिए कि वह सफल हो चुका है? तब कलाम जी ने कहा था-

"When your signature turns into Autograph, you have achieved success."
(जब आपका हस्ताक्षर ऑटोग्राफ में बदल जाए उस समय आप सफल हो चुके हैं।) 

        आप सभी फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम पर हमेशा किसी ना किसी को सर्च करते ही होंगे। लेकिन मेरा मानना है कि आप अपने ज़िन्दगी में कुछ ऐसे कार्य करें कि दुनिया आपको फेसबुक पर नहीं गूगल पर सर्च करें। 

धन्यवाद🙂






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