ऐ बरबीघा मेरी पहचान हो तुम। बरबीघा का सुंदर वर्णन एक कविता के माध्यम से किया गया हैं। प्रयास कैसा है ? जरूर बताइएगा। और हां अपने बरबीघा के मित्रों को शेयर करना ना भूले।
अंतिम बात तो मैं कहना ही भूल गया। कविता की कौन सी पंक्ति आपको सबसे अच्छी लगी Comment करके बताइएगा।
उदाहरण स्वरूप:- " थाना चौक की भुजा हो या प्रदीप की दुकान का इंतजार हो तुम।
ऐ बरबीघा मेरी पहचान हो तुम"
Sir isme teus ke sai Mandir ko BHI add Kar sakte the
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