मंगलवार, 4 मई 2021

विद्यालयों में ICT को समावेशित करने की चुनौतीयां, बिहार के विद्यालयों की स्थिति पर विशेष ध्यान देते हुए। Challenge of Integrating ICT in School, the scenario of School in Bihar. B.Ed. 1st Year. EPC - 3. Munger Universiyt, Munger

 




       बिहार के विद्यालयों में सूचना एवं संचार तकनीकी (ICT) को समावेशित करने एवं इनका प्रयोग करने में निम्नलिखित चुनौतियां आ सकती है।
(1) आई.सी.टी. से संबंधित सभी सामग्रियां अत्यधिक महंगी होने के कारण एवं इसका रखरखाव कार्य अत्यधिक मुश्किल होने की वजह से भी अधिकतर बिहार के विद्यालयों में यह सभी वस्तुएं उपलब्ध नहीं हो पाती है।

(2) हमारे राज्य के विद्यालयों में अध्यापको तथा अन्य कर्मियों को आई.सी.टी. की प्रभावशीलता एवं उपयोगिता का ज्ञान ही नहीं है। उनकी यह आज्ञानता सूचना एवं संप्रेषण तकनीकी के प्रयोग में बाधा बनी हुई है।

(3) शिक्षक अपने परंपरागत शिक्षण अधिगम पद्धतियों को नहीं छोड़ना चाहते वह व्याख्यान विधि, प्रदर्शन विधि, जैसी शिक्षण विधियों का ही प्रयोग करना ज्यादा पसंद करते हैं। वे सभी आई.सी.टी. का प्रयोग अपने कक्षा-कक्ष में नहीं के बराबर करते हैं। उनकी यह अरुचि (Anorexia) भी आई.सी.टी. को बिहार के विद्यालय में समावेशित करने में चुनौती के रूप में सामने आकर खड़ी हो जाती है।

(4) शिक्षकों को सूचना एवं संप्रेषण तकनीकी के प्रयोग की जानकारी नहीं है। सेवा पूर्व या सेवाकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम द्वारा वह पूर्ण रूप से प्रशिक्षित नहीं हो पाते हैं जिसके कारण उनकी सूचना एवं संप्रेषण तकनीकी (ICT) का प्रयोग में रुचि नहीं होती।

(5) अधिकतर बार देखा गया है कि विद्यार्थी भी इसके लिए तैयार नहीं दिखाई देते उन्हें शिक्षक द्वारा आसानी से ज्ञान एवं सूचनाएं प्राप्त हो जाती है जिसके कारण वे अतिरिक्त प्रयास नहीं करना चाहते हैं।

        इस प्रकार हम पाते हैं कि सूचना एवं संप्रेषण तकनीकी का विद्यालय शिक्षा में उपयोग करने में शिक्षकों, विद्यार्थियों, अधिकारियों एवं अन्य कर्मियों सभी में उदासीनता दिखाई देती है। इसके प्रति उनमें अनभिज्ञता एवं नकारात्मक दृष्टिकोण सबसे बड़ी बाधा है। आज वह समय आ गया है कि सूचना एवं संप्रेषण तकनीकी को शिक्षा के प्रत्येक आवश्यक क्षेत्रों, विद्यालय की समस्त गतिविधियों के संचालन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका निर्धारित की जाए।

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