जब आप कोई भी वेबसाइट अपने ब्राउज़र में खोलते हैं तो वह ब्राउज़र उसकी जानकारी एक फाइल के रूप में आपके मोबाइल या कंप्यूटर में स्टोर कर लेता है वह जानकारी कुछ भी हो सकती है। जैसे:- आपने कौन सा कीवर्ड इस्तेमाल किया? कौन-कौन सी वेबसाइट खोली? किस वेबपेज पर कितना समय व्यतीत किया? इत्यादि। इस तरह की सभी जानकारी एक फाइल में सेव होकर हमारे कंप्यूटर एवं मोबाइल के रोम (ROM) में रख दी जाती है ताकि इसका इस्तेमाल भविष्य में किया जा सके। यह फाइल एक्सटेंशन (.txt) के रूप में होते हैं। .txt फाइल को ही हम इंटरनेट कुकीज़ कहते हैं।
कुकीज़ मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं जिनके अलग-अलग कार्य हैं:-
(1) सत्र कुकीज़ (Session Cookies):- सत्र कुकीज में हम उन सभी कुकीज़ को रखते हैं जो वेबसाइट को खुलने के साथ ही डाटा स्टोर करना शुरू करते हैं और वेबसाइट से हटते ही सारी स्टोर की हुई सूचनाएं स्वत: मिटा देते है। लैपटॉप एवं मोबाइल के RAM (रैम) की तरह।
(2) स्थायी कुकीज़ (Persistent Cookies):- यह एक प्रकार का स्थाई कुकीज होता है जो कंप्यूटर बंद होने के बाद भी या कई वर्षों तक रह सकता है। जब भी आप उस वेबसाइट पर जाते हैं तो कुकीज़ में स्टोर सूचनाएं पुनः उस वेबसाइड में आप की गतिविधि को भेज देते हैं।
(3) http Only Cookies (केवल http कुकीज़) यह केवल एच.टी.टी.पी. (http) Hypertext Transfer Protocol में ही खोले गए वेबसाइट द्वारा आपके कंप्यूटर में save किया जाता है और यह केवल एच.टी.टी.पी.में ही कार्य करता हैं। यदि आप सुरक्षित वेबसाइट यानी कि एच.टी.टी.पी.एस. से वही वेबसाइट ओपन करेंगे तो वह कार्य नहीं करेगा।
(4) Secure Cookies (सुरक्षित कुकीज़):- इस प्रकार की कुकीज एच.टी.टी.पी.एस.(https) Hypertext Transfer Protocol Secure में खोले गए वेबसाइट द्वारा आप के कंप्यूटर में save किया जाता है। इस प्रकार की कुकीज़ को ज्यादा सुरक्षित एवं गोपनीय माना गया है।
इंटरनेट कुकीज़ से हमें निम्न फायदे होते हैं-
(1) Cookies से हमारा समय और डेटा की बचत होती है।
(2) इंटरनेट पर कार्य के दरम्यान यदि आपका ब्राउज़र अचानक से बंद हो जाए तो दोबारा Reopen करने पर उसी को रिस्टोर (Restore) कर देता है। यह फायदे भी हमें कुकीज़ से ही प्राप्त होते हैं।
(3) यदि किसी वेबसाइट पर हम एक बार लॉगिन कर लेते हैं तो कुकीज़ हमारे यूजर आईडी और पासवर्ड को save कर लेता हैं एवं जब दुबारा हम उसी वेबसाइट पर विजिट करते हैं तो हमें Relogin नहीं करना पड़ता।
(4) इसका आकार बहुत कम यानी 4KB तक होता है जिस वजह से हार्ड ड्राइव में ज्यादा जगह नहीं लेता।
(5) shopping Site पर जो Product हमें चाहिए उस तक हम आसानी से पहुंच सकते हैं।
Cookies के नुकसान:-
(1) Cookies से बहुत ज्यादा नुकसान तो नहीं है बस एक ही नुकसान है और वह यह है कि इसमें आपका आईडी एवं पासवर्ड save रहता हैं। यदि हैकर तक यह सूचनाए पहुंच गए गई तो आपको नुकसान हो सकता है।
(2) Online आपसे ठगी की जा सकती है क्योंकि आपके कार्ड का नंबर और एक्सपायरी तिथि Cookies में स्टोर रहता है केवल ओटीपी की मदद से आपके पैसे चुराए जा सकते हैं।
(3) Cookies की फाइल कंप्यूटर के हार्ड ड्राइव मे स्टोर होती है। यदी कंप्यूटर में जगह कम हो तो इसकी वजह से कंप्यूटर slow भी हो सकता है।
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