बुधवार, 19 मई 2021

बड़े बावरे ★हिन्दी के मुहावरे★



 

बड़े बावरे ★हिन्दी के मुहावरे 

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   हिंदी के मुहावरे ~ बड़े ही बावरे हैं

      खाने-पीने की चीजों से भरे हैं

       कहीं पर फल है, तो ...

         कहीं आटा-दालें हैं

           कहीं पर मिठाई है, तो ...

             कहीं पर मसाले हैं


      चलो ... 

      फलों से ही शुरू कर लेते हैं

     एक-एक कर सबके मजे लेते हैं


          आम के आम और 

     गुठलियों के भी दाम मिलते हैं

      कभी अंगूर खट्टे हैं, तो कभी ...

     खरबूजे, खरबूजे को देख कर 

              रंग बदलते हैं


     कहीं दाल में काला है, तो कहीं 

    किसी की दाल ही नहीं गलती है

 

  कोई डेड़ चावल की खिचड़ी पकाता है,

     तो कोई ... लोहे के चने चबाता है

       कोई घर बैठा रोटियाँ तोड़ता है,

               कोई दाल-भात में  

             मूसरचंद बन जाता है


      मुफलिसी में जब ...

        आटा गीला होता है, तो ....

          आटे दाल का भाव 

             मालूम पड़ जाता है


             सफलता के लिए ...

         कई पापड़ बेलने पड़ते हैं

   आटे में नमक तो चल जाता है, पर 

   गेहूँ के साथ .. घुन भी पिस जाता है


          अपना हाल तो बेहाल है,

        ये मुँह और मसूर की दाल है


              गुड़ खाते हैं, और 

         गुलगुले से परहेज करते हैं

  और कभी गुड़ का गोबर कर बैठते हैं


             कभी तिल का ताड़, 

        कभी राई का पहाड़ बनता है


        कभी ऊँट के मुँह में जीरा है,

              कभी कोई जले पर ...

              नमक छिड़कता है


           किसी के दाँत दूध के हैं,

           तो कई ... दूध के धुले हैं


       कोई जामुन के रंग सी 

         चमड़ी पा के रोई है

           तो किसी की चमड़ी जैसे 

                 मैदे की लोई है


                  किसी को ...

       छठी का दूध याद आ जाता है

          तो कोई ... दूध का जला 

      छाछ को भी फूँक-फूँक पीता है

           फिर दूध का दूध और 

         पानी का पानी हो जाता है


        शादी ... बूरे के लड्डू है,

    जिसने खाए वो भी पछताए, और 

  जिसने नहीं खाए, वो भी पछताते हैं

          पर शादी की बात सुन, 

      मन में लड्डू जरुर फूटते हैं

           और शादी के बाद ...

      दोनों हाथों में लड्डू आते हैं


    कोई जलेबी की तरह सीधा है, 

     तो कोई ... कोई टेढ़ी खीर है

     किसी के मुँह में घी-शक्कर है, 

    सबकी अपनी अपनी तकदीर है


    कभी कोई चाय-पानी करवाता है,

      तो कोई ... मख्खन लगाता है

       और जब छप्पर फाड़ कर 

            कुछ मिलता है, तो ...

    सभी के मुँह में पानी आ जाता है

       भाई साहब ! अब कुछ भी हो,

        घी तो खिचड़ी में ही जाता है


        जितने मुँह ... उतनी बातें हैं,

     सब अपनी-अपनी बीन बजाते हैं

              पर नक्कारखाने में ...

      तूती की आवाज कौन सुनता है


         सभी बहरे है, बावरे हैं 

    ये सब हिंदी के मुहावरें हैं 


    👆  ये गज़ब मुहावरे नहीं ... 👆

     बुजुर्गों के अनुभवों की खान हैं

               सच पूछो तो ....

        हिन्दी भाषा की जान हैं


साभार:- Facebook


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