शनिवार, 8 मई 2021

"मंच संचालन"

 


      हम सभी के बीच हमारे मुख्य अतिथि आ चुके हैं उनके गरिमामयी उपस्थिति पर मैं विश्वजीत कुमार उनका हार्दिक स्वागत करता हूं।
or
       साई कॉलेज ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग, ओनामा के प्रांगण में उपस्थित माननीय अध्यक्ष महोदय, एच.ओ.डी. (H.O.D.) सर, प्रध्यापकगण, कर्मचारीगण एवं हमारे नए आगुन्तक प्रशिक्षुगण मैं विश्वजीत कुमार आप सभी का हृदय से स्वागत💐 करता हूं।
     इसी बीच में चाहूंगा कि हमारे बीच उपस्थित साई कॉलेज ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग के माननीय अध्यक्ष महोदय, सम्मानित एच.ओ.डी. (H.O.D.) सर प्राध्यापकगण एवं प्रशासनिक कर्मचारी आप सभी मंच पर आएं और विद्या की देवी मां शारदा के आगे दीप प्रज्वलित करके आज के इस कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ करें।

Male Voice:- खुदावंत तेरे नाम से आगाज करता हूं,
तेरा बंदा हूं तेरी रहमतों पर नाज़ करता हूं। 
फकत तेरी मदद और ताकत के भरोसे पर मुझे उड़ना नहीं आता,
 मगर परवाज करता हूं।

Female Voice:- आइए हम सभी उस अलौकिक शक्ति, 
अदृश्य शक्ति को याद करें और धन्यवाद करें कि हमें यह सुंदर जीवन मिला है। 
हम धन्यवाद करें परमपिता परमात्मा का और इस सृष्टि का।

Male Voice:- आज हमारे बीच उपस्थित है महाविद्यालय के नए प्रशिक्षु आप सभी के स्वागत के लिए एक तरन्नुम भरा स्वागत गीत लेकर आ रही हैं महाविद्यालय की छात्राएं- अक्षिता आनन्द, निधि, रुही, सीमा।

Male Voice:- अतिथि देवो भव: 
कहती ये भारत की धरा। 
स्वागत करके आपका, 
निभा रहे हैं हम यह परंपरा। 

       इस प्रांगण में उपस्थित प्रशिक्षुओं एवं प्राध्यापकगणों का स्वागत संबोधन करने के लिए मैं आमंत्रित कर रहा हूं इस मंच पर हमारे महाविद्यालय के माननीय अध्यक्ष महोदय को वह आए और आप सभी के स्वागत में दो शब्द कहें। सर के बारे में कहना चाहूंगा- 
सुनकर कर दे अनसुना ऐसी इनकी आवाज नहीं, 
मिल कर भूल जाएं कोई ऐसे इनके अल्फाज नहीं।

Female Voice:- किसी महफ़िल में छिप जाए, 
ऐसे इनके अंदाज नहीं। 
सूरज से दमकते हैं, 
यह किसी परिचय के मोहताज नहीं।

Male Voice:- स्वीकार आमंत्रण किए रखे हमारा मान कैसे करें कृतज्ञता 
स्वागत है आपको श्रीमान.....।

Female Voice:- अब हम मंच पर बुलाने जा रहे हैं हमारे महाविद्यालय के माननीय एच.ओ.डी. (H.O.D.) सर श्री बालदेव प्रसाद जी को वह आए और आप सभी को संबोधित करें। सर के बारे में कहना चाहूंगी 
ईश्वर ने भी कीमती रत्न, 
गिनती के ही बनाए हैं। 
उन रत्नों में सबसे कीमती, 
आज हमारे बीच में आए हैं।
Female Voice:- कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए अब हम बुला रहे हैं हमारे महाविद्यालय के कला प्राध्यापक विश्वजीत कुमार को जो आप सभी के बीच एक Live Painting का प्रदर्शन करेंगे। सर के बारे में दो शब्द कहना चाहूंगी 

महफिल से उठना है तो थोड़ा सोच-समझ कर उठना, 
हम सभी के दिल के अजीज आए हैं। 
देनी है उन्हें कोई सौगात तो तालियों से सम्मान देना, 
वह बेशकीमती हुनर की दौलत पाए हुए हैं।


Male Voice:- अब हम बुलाना चाह रहे हैं हमारे महाविद्यालय के सर्वेश सर वो आएं और अपनी वाणी से हमें अभिगृहीत करें।

Female Voice:- जब तक हृदय ना फेरे डाले वह गठबंधन व्यर्थ रहेगा 
जब तक जले ना दिल का दीपक सारा पूजन व्यर्थ रहेगा 
चाहे जय जयकार लगाओ मालाओं से कंठ सजाओ 
जब तक हृदय ना फेरे डाले वह अभिनंदन व्यर्थ रहेगा।

Male Voice:- आप सभी के बीच प्रस्तुत है चांदनी मैंम और अदीबा मैंम का एक ग्रुप सॉन्ग।

Female Voice:- कुछ चेहरे यूं ही नहीं मुस्कुराया करते
 रंग बसंती वह यूं ही नहीं उड़ाया करते 
बड़ी जिम्मेदारी है सारा जहां महकाना 
कुछ फूल दुनिया में यूं ही नहीं आया करते।

For Students:

वह खुद ही नाप लेते हैं बुलंदी आसमानों की, 
परिंदों को नहीं तालीम दी जाती उड़ानों की। 
महकना और महकाना तो काम है खुशबू का, 
खुशबू नहीं मोहताज होती कद्रदानो की......!!!

कौन पहुंचा है कभी अपनी आखिरी मंजिल तक, 
हर किसी के लिए थोड़ा आसमान बाकी है। 
ये तुझको लगता है तू उड़ने के काबिल नहीं, 
सच तो यह है कि तेरे पंखों में अभी भी उड़ान बाकी है।

जगमोहन की बातें करके लूट-लूट ले जाते हैं, 
सौगातो की झोली भर कर प्यार बांटते जाते हैं। 
इस सोहबत को कौन ना तरसे, 
हम तो किस्मत वाले हैं। 
जब-जब हमने किया निवेदन आप सहज आ जाते हैं।

वो आए घर में हमारे, 
खुदा की कुदरत है। 
कभी हम उनको, 
कभी अपने घर को देखते हैं।

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