शुक्रवार, 27 जनवरी 2023

मेरा दर्द तू, हमदर्द तू।



 ग़ज़ल


मेरा दर्द तू, हमदर्द तू । 

दौलत मेरी, मेरा कर्ज तू ।।


इक तू ही मेरा इलाज है। 

मेरा लाइलाज है मर्ज़ तू ।।


मसला है तू, तू है बहर । 

मेंरी हर ग़ज़ल का तर्ज तू ।।


मेरे दिल की है आवारगी । 

मेरी ज़िंदगी का है फर्ज तू ।।


मुतमईन हो नहीं पाया कभी ।

ख्वाबों को हकीकत में बदलने नहीं दिया तू ।।


अब क्या लिखूँ मैं। 

सच है बड़ी खुदगर्ज तू ।।


गजल में प्रयुक्त कुछ शब्दों के अर्थ -

बहर - बहुत बड़ा जलाशय, नदी या समुद्र।

मुतमईन - आश्वस्त होना।


साभार - सोशल मीडिया।

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