शुक्रवार, 27 जनवरी 2023

बच्चे उड़ गये अकेली चिड़िया रहती है।



 बच्चे उड़ गये अकेली चिड़िया रहती है।

बड़ी सी एक हवेली में बुढ़िया रहती है।।


ये ख़्वाब ले गये आँखों को अपने साथ-

अब अकेली काजल की डिबिया रहती है।


जिस पर बैठ कर फूले नहीं समाते थे-

कोने में धूल चढ़ी वो फटफटिया रहती है।


महक ले गया हो कोई फ़िज़ा की सारी-

और बिन फूलों की कोई बगिया रहती है।


सिमेट कर दुनिया भर का शोर ‘शेखर’-

तन्हाई की दुनिया में एक दुनिया रहती है।


shekhar✍️

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