शुक्रवार, 26 अगस्त 2022

मोह कुर्सी का जाता नहीं है। Moh Kurshi ka Jata Nhi Hai, Mere Sath Yhi Mushkil Badi hai.





मोह कुर्सी का जाता नहीं है,

मोह कुर्सी का जाता नहीं है,

मेरे साथ यही मुश्किल बड़ी है।


मोह कुर्सी का जाता नहीं है,

मेरे साथ यही मुश्किल बड़ी है।


मोह.. कुर्सी.. का.. जाता.. नहीं.. है,

मेरे.. साथ.. यही.. मुश्किल.. बड़ी.. है।


बेवफा मुझको कहना ना लोगों,

बेवफा मुझको कहना ना लोगों


बेवफा मुझको कहना ना लोगों,

CM रहने की आदत पड़ी है।


बेवफा मुझको कहना ना लोगों,

CM रहने की आदत पड़ी है।


सबका मन रखना पड़ता है,

रिश्तो की भी लाचारी बड़ी है।


बेवफा मुझको कहना ना लोगों,

बेवफा मुझको कहना ना लोगों


बेवफा मुझको कहना ना लोगों,

CM रहने की आदत पड़ी है।


बेवफा मुझको कहना ना लोगों,

CM रहने की आदत पड़ी है।


पलटु राम ही अगर कह दिया है, 

तो कौन-सी आफत पड़ी है


बेवफा मुझको कहना ना लोगों,

बेवफा मुझको कहना ना लोगों


बेवफा मुझको कहना ना लोगों,

CM रहने की आदत पड़ी है।


बेवफा मुझको कहना ना लोगों,

CM रहने की आदत पड़ी है।


चौथेपन का है कुछ असर ये.....

बस थोड़ी सी गड़बड़ी है 


बेवफा मुझको कहना ना लोगों,

बेवफा मुझको कहना ना लोगों


बेवफा मुझको कहना ना लोगों,

CM रहने की आदत पड़ी है।


बेवफा... मुझको... कहना... ना... लोगों...,

CM... रहने... की... आदत... पड़ी... है।


मोह कुर्सी का जाता नहीं है,

मेरे साथ यही मुश्किल बड़ी है।


मोह... कुर्सी... का... जाता... नहीं... है,

मेरे... साथ... यही... मुश्किल... बड़ी... है।

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