ग़ज़ल
कभी जब हमारी मुलाकात होगी।
नज़ाकत भरी सुरमई रात होगी।।
जुबां भी अगर काट दे ये ज़माना।
नज़र से नज़र की मगर बात होगी।।
कभी आसमां से उतर ये चाँद देखो।
तुम्हारी मेरे चाँद से मात होगी।।
तुम्हारी ये जुल्फें👰🏻♀ अगर खुल गईं तो।
गिरेगी कहीं बर्फ☃️ तो कही बरसात🌧️ होगी।।
चुराओ न मुझसे नज़र इस तरह से।
मुहब्बत💗 की बदनाम ये जात होगी।।
लिया चैन उसने मेरे अंश का भी।
ख़ुदा जानता है ये भी कोई ख़ुराफ़ात होगी।।
न उल्फत से आज़ाद रहने की सोचो।
हिकारत की वर्ना हवालात होगी।।
अगर वो हँसी लब पे ला दे हसीं तो।
समझ "विश्वजीत" की वो सौगात होगी।।
गजल में प्रयुक्त कुछ शब्दों के अर्थ -
नज़ाकत (स्त्रीलिंग)
१. शारीरिक कोमलता, सुकुमारता।
२.अंग चालन की मृदुल एवं मनोहर चेष्टा
सुरमई (विशेषण)
१. सुरमे के रंग का, नीला, सफ़ेदी लिए हलका नीला या काला।
२. सुरमे के रंग में रँगा हुआ।
उलफत
१. प्यार, स्नेह, परिचित।
हिक़ारत (स्त्रीलिंग)
१. घृणा, नफ़रत।
Kya baat hai Bishwajeet bhai wow so beautiful lines ❤️
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