तासीर हमने प्यार की चखी है पास से।
पाने को तुम्हें गुजरे हैं हम खुद की लाश से।।
करता रहा सफर मैं समंदर का उम्र भर।
आखिर में दम निकल ही गया मेरा प्यास से।।
रत्तीभर भी न बहका वो लबालब भरा रहा।
कुछ तो सीखिए जनाब!!! जाम के गिलास🍻 से।।
किस तरह दें हम खुद को सजा ये बताइये।
आती है गुनाहों की बू तेरे लिबास से।।
नहीं इत्तेफाक है मेरा करना यूँ शायरी।
मुमकिन हुआ "विश्वजीत" ये उसके प्रयास से।।
ग़ज़ल में प्रयुक्त कुछ शब्दों के अर्थ -
असर करना, प्रभाव, असर।
लिबास (पुल्लिंग)-
पोशाक, वस्त्र।
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