29 अप्रैल, 1848 ई. को केरल के किलिमन्नूर नामक कस्बे में जन्में राजा रवि वर्मा भारत में तैल चित्रण के अगुआ कहलाए। हुसैन के पहले वे अपने न्यूड चित्रों को लेकर सबसे अधिक विवादास्पद कलाकार रहे। उनके सर्वाधिक 43 चित्र केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित 'श्री चित्रा आर्ट गैलरी' में सुरक्षित हैं, जिनमें से "शकुंतला का राजा दुष्यंत को कांटा निकालने के बहाने मुड़कर देखना" सर्वश्रेष्ठ चित्र है। 02 अक्टूबर,1906 ई. को उनका निधन हो गया।
प्रसिद्ध कला आलोचक 'ज्योति जोशी' के शब्दों में -
यह सामान्य बात नहीं है कि राजा रवि वर्मा को भारत का रुबेन्स और एशिया का रेंब्रां कहा जाने लगा था। हालांकि रुबेन्स और रेंब्रां को भी उतनी ख्याति न मिली होगी जितनी कि राजा रवि वर्मा को। .....अमरता तो इस कलाकार की चिरसंगिनी बन गई।
राकेश गोस्वामी ✍️
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