शनिवार, 13 अगस्त 2022

भारत की आजादी में बिहार के योगदान पर कविता।

 


रग-रग में बसे राजनीति, 

अखियंन में जहां अंगार हवें।

औरत के देवी मानल जाला, 

सीना में बसल प्यार हवें। 


हिंदुस्तान पर जान देवे खातिर, 

जहां बच्चा-बच्चा तैयार हवें। 

बाबू वीर कुंवर सिंह के धरती,

घरवा🏠 हमार बिहार हवें।


गोविंदा कुमार✍️

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