शुक्रवार, 1 जुलाई 2022

मेरी हल्की नीली शर्ट और तुम्हारा ख्वाब। My light blue shirt and your dream.


      सुन रही हो पगली, आज मैं तुम्हें कुछ सुनाने!!! नही, नही SORRY बताने आया हूं।


       .......शायद तुम्हे वो सुबह याद हो जब, तुम हल्के नीले (Light Blue) रंग का सूट-सलवार  पहन के निकली थी घर से !!! 


      तुम पे वो नीला रंग मानो, नीले अम्बर की भांति तुम्हारे रूप को और निखार रहा था। मुझे तो नीले नीले अंबर पर गाना याद आने लगा।


मन तो बहुत था कि.....


    तुम्हें अपनी बालकनी से आवाज दे के एक बार वापस आने को कहे। परन्तु तुम्हें रोकने-टोकने के बजाए उस ऑटो पे दूर तक जाते हुए निहारता  रहा.....


     तुम्हें रोककर घंटों बातें कर सकता था और शायद तुम उसके लिए अनुमति भी दे देती। इसके बजाएं घंटो तुम्हारे लौटने के इंतजार में उसी बालकनी में खड़ा रहा !!! .....लेकिन तु नही आई, शायद तुमने लौटने में अपना मार्ग परिवर्तित कर लिया था।


    उस शाम शायद कहना चाहता था तुमसे कि सुनो, ये नीला सूट-सलवार पहन के मत जाया करो ना... डर लगता है की कही किसी की नज़र ना लग जाये तुम्हें।


     उस रात शायद तुम्हारी गोद में अपना सर रख के प्यार💓 से तुम्हारी पसंद की राहत इंदौरी की ये शेर तुम्हारे साथ में सुनना चाहता था।


तू ख्वाब बनकर तो आ मेरी ज़िन्दगी में,

मैं तुझे अपनी हक़ीक़त बना लूंगा।

फिर कैद कर तुम्हे दिल में जकड लूंगा,

फिर कर लो तुम लाख मिन्नतें खुदा से अपनी रिहाई की।

पर मैं वो शख्स नहीं हूँ, 

जो तुम्हे आसानी से रिहा कर दूंगा।


सुनो यूँ तो,

हर रंग ही तुम पे खिल उठता है।

पर नीला रंग सच में तुम पे बहुत जंचता है।। 


      मन तो बहुत है की तुम्हारी कोई तस्वीर हो, जो यहाँ सांझा करूँ।

पर,

क्या करूँ ? तुम भी काल्पनिक हो और तुम  से जुड़ी हर बात भी कल्पना मात्र ही हैं। इस लिए हम ही अपना फ़ोटो साझा कर रहे हैं। हल्के नीले शर्ट में 🤣🤣🤣





काश!!!! 


    कभी ऐसा हो। तुम मेरी कल्पनाओं के शहर से, कभी मेरी हकीकत की दुनिया में मुझसे मिल पाओ!!! 



तुम्हारे इंतज़ार में.. 

सिर्फ तुम्हारा❤️


       ऐ पगली, हमरा ई दुनियाँ से मन अब ऊब रहा है। काहे से की तू तो हमरा जिंदगी में Blue Moon जईसन हो गई हो। तोरा जाते-जाते ई नीला शर्ट में हमरो दिलबा मुने नियर ही डूब रहा है। डर तो यह है कि कहीं हम भी तोहरा Life से  Blue Moon न  हो जाए।


      हम तो कोई बहुत बड़े शायर तो है नहीं फिर भी तुम्हारी याद में कुछ लिखे है शायद तुम्हें अच्छा लगे।


सुबह की सुनहरी किरण, 

जब टकरा रही थी तुम्हारे सलवार से।


तबे से हमर करेजा कटा जा रहा, 

दुधारी तलवार से।।



पगली तोर याद में हम, 

बिना पानी के मछली नियर छटपटा रहे हैं।


तोर पता मिले बस इतना ही देर है..


बाकी हम तो हिरण की भांति, 

कस्तूरी मृग खातिर भागे जा रहे हैं।।



पगली अब क्या लिखें✍️ 

तोहर याद के आगे।


इन्नर के परी भी फेल थी 

तुम्हारे  रूप के आगे।।


तुम्हारा विश्वजीत✍️

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