शुक्रवार, 29 जुलाई 2022

कला प्रबंधन (Art Management) पेपर - 05 के अंतर्गत कार्यालय प्रबंधन (Office Management) का जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी के मुख्य परीक्षा का नोट्स। Notes of Main Examination of District Art and Culture Officer.

 कार्यालय प्रबंधन
(Office Management) 


        कार्यालय (Office) किसी भी संस्था का अभिन्न अंग होता है। इसके बिना हम, एक संस्था की कल्पना नहीं कर सकते है। कार्यालय प्रबंधन में संस्थान के द्वारा किये गए/किये जाने वाले व्यवहारिक कार्य को कागजी रूप प्रदान किया जाता है। कोई भी संस्था/संगठन कार्यालय प्रबंधन के ज्ञान के बिना उन्नति नहीं कर सकता। कार्यालय प्रबंधन में आई एक भी गलती सारे कार्य को बिगाड़ सकती है इसलिए इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है।

      दूसरे शब्दों में यदि हम कहे तो, कार्यालय प्रबंधन उन लोगों के समूह को कहा जाता है जो किसी भी कार्य की योजना, आयोजन, मार्गदर्शन, संचार, निर्देशन, समन्वय एवं नियंत्रण (Planning, organizing, guiding, communicating, directing, coordinating and controlling work) की प्रक्रिया को कुशलतापूर्वक और आर्थिक रूप से प्राप्त करने के लिए कार्य करते हैं।

       कार्यालय प्रबंधन केवल व्यवसायिक संगठन के लिए ही आवश्यक नहीं है बल्कि गैर-व्यवसायिक संगठन एवं सरकारी कार्यों के लिए भी अति आवश्यक है। किसी भी कार्य को संपन्न करने के लिए उसकी एक रणनीति बनानी होती है और इस रणनीति को दिशा देने के लिए एक कार्यालय एवं कार्यालय के कार्य को सुचारू रूप से संपन्न करने में कार्यालय प्रबंधन की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

कार्यालय प्रबंधन की परिभाषा (Definition of office Management  :-

    कार्यालय प्रबंधन कि यदि परिभाषा की बात की जाए तो हम कह सकते हैं कि किसी भी कार्य/उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु ऐसे लोगों का समूह जो वेतन-भोगी हो उनके द्वारा तय समय सीमा के अंदर कलात्मक रूप से कार्यों का निष्पादन करना।

कार्यालय प्रबंधन के कुछ अन्य परिभाषाएं :-

      कार्यालय प्रबंधन, प्रबंधन की कला और विज्ञान की वह शाखा है जो कार्यालय के काम के कुशल प्रदर्शन से संबंधित है। जब भी और जहां भी वह कार्य किया जाता है - विलियम एंगर।

      कार्यालय प्रबंधन अपने निर्दिष्ट उद्देश्यों (specified objectives) को प्राप्त करने के लिए अपने उपयुक्त साधनों के उपयोग में कार्यालय के कर्मियों को मार्गदर्शन करने की कला है। - मिल्स एवं स्टेडिनफोर्ड

कार्यालय प्रबंधन के तत्व (Elements of Office Management) :-

     कार्यालय प्रबंधन के तत्व की तुलना हम किसी मकान की नींव से कर सकते हैं यदि नींव मजबूत हो तो भवन भी मजबूत होगा। इसलिए हम कह सकते हैं कि कार्यालय प्रबंधन का कुशल कार्य, कार्यालय प्रबंधन के तत्वों पर ही निर्भर रहता है। 

कार्यालय प्रबंधन के आवश्यक तत्व निम्नलिखित है -

  • सामग्री :- सामग्री से तात्पर्य, कार्यालय के कार्य को संपन्न करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाले उपकरणों से है। जिसमें पेन, पेंसिल, इरेज़र, कागज, स्याही, कार्यालय प्रपत्र (Office form), कंप्यूटर, प्रिंटर, इत्यादि शामिल हैं।
  • वातावरण (माहौल) :- व्यवसाय की प्रकृति, कार्यालय के वातावरण को निर्धारित करती है। विभिन्न कार्यालयों के कार्य को एक विशेष स्थिति एवं वातावरण के तहत रहकर कर्मचारी अपना कार्य संपन्न करते हैं। कार्यालय के कार्य को सुचारू रूप से संपन्न एवं उपयुक्त वातावरण में लाना कार्यालय प्रबंधक का कर्तव्य एवं जिम्मेदारी होती है।
  • उद्देश्य :- कार्यालय के कर्मचारियों को अपने उद्देश्य एवं लक्ष्य के बारे में ज्ञात होना चाहिए ताकि वह अपना कार्य बेहतर तरीके से संपन्न कर सके। यदि एक कर्मचारी अपना कार्य ईमानदारी से पूरा करता है तो दूसरे कर्मचारी भी उसके प्रभाव से प्रभावित होकर अपना प्रदर्शन बेहतर करने का प्रयास करते हैं। यदि कार्यालय के कर्मियों को अपना उद्देश्य ज्ञात ना हो तो संस्था अपने लक्ष्य तक कभी नहीं पहुंच सकती है।
कार्यालय प्रबंधन का महत्व (Importance of office Management) :-

  • लक्ष्य की प्राप्ति (Goal Attainment) :- Aim या लक्ष्य का अर्थ होता है किसी भी कार्य को एक निश्चित समय-सीमा में प्राप्त करना एवं कुशल प्रबंधक अपने कर्मचारियों को उनके लक्ष्य से अवगत कराता एवं उन्हें प्राप्त करने के लिए निर्देशित भी करता है।
  • संसाधनों का इष्टतम उपयोग (Optimum use of Resources) :- एक कुशल प्रबंधक अपने कार्यालय में उपलब्ध सभी सामग्रियों का इष्टतम प्रयोग करना अपने सभी कर्मचारियों को सिखाता है एवं निरंतर प्रयोग के लिए प्रेरित भी करता है। 
  • लागत को कम करना (Reduce Cost) :- एक कुशल प्रबंधक के मार्गदर्शन और नियंत्रण में ही कार्यालय के लागत को कम किया जा सकता है बेहतर योजना, सुदृढ़ संगठन (Strong organization) और प्रभावी नियंत्रण (Effective control के माध्यम से प्रबंधक लागत को कम कर और प्रदर्शन को बेहतर बनाने का कार्य करता है। 
  • कार्य का सुचारू प्रवाह (Smooth flow of work) :- किसी भी कार्य का निर्बाध प्रवाह तभी संभव है जब उचित योजना और नियंत्रण के द्वारा कार्य को संपन्न किया जाए। एक कुशल प्रबंधक कार्य को सुचारू रूप से प्रवाह को सुनिश्चित करता है।

Reference:-



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