बुधवार, 20 जुलाई 2022

जानती हो🤔...पगली🥰

 


       ......बहुत छोटी-छोटी उम्मीदें है मेरी, तुमसे!!! जिनको पूरा तुम ही कर सकती हो, सिर्फ तुम। जैसे वो सिर्फ तुम का गाना हैं ना पहली-पहली बार मोहब्बत😍 की है, कुछ न समझ🤔 में आए मैं क्या करूं.... कॉलेज के समय से लेकर अभी तक यह गाना मेरा पसंदीदा रहा है और ना जाने कब तक रहेगा, यह भी नही पता। लेकिन कभी-कभी मुझे लगता है बहुत मुश्किल है तुम्हारे लिए, मेरी किसी भी ख्वाहिश को पूरा करना। मैं जब अपनी फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करूं तुम उसमे लव वाला रिएक्ट❤️ कर दो, भले ही कुछ न लिखो। मैं मान लूंगा कि आज भी तुम मुझे वैसे ही याद करती हो जैसे उस जमाने में पटना के इको पार्क में आकर किया करती थी।


      ......मगर ये कार्य भी तुमसे नही होता।😥 मैं बार-बार रिएक्शन में तुम्हे ढूंढता हूं परन्तु तुम नही मिलती... जबकि दूसरे के फोटो पर तुम्हारा रिएक्शन और प्रतिक्रिया देख, हर जगह तुम्हारी मौजूदगी देख, मुझे बस यही गीत याद आता है - मुझसे क्या भूल हुई, जो यह सजा हमको मिली... बहुत कुछ सोचकर मैं नाउम्मीद😟 हो जाता हूं।

         फिर, मुझे याद आता है वो पल जब हमारी किसी बात पर बहस🗣️ होती थी। मैं किसी बहस पर अपनी बात बोल रहा होता था और तुम वहां मौजूद होती थी, तो मैं चाहता था तुम भी मेरी तरफ से कुछ तो बोलो। मगर हमेशा से खाली हाथ मैं लौट जाता था क्योंकि तुम्हारी मौजूदगी या तो खामोश होती या मेरे ही विरुद्ध होती थी।   

      जब कभी मैं तुमसे नाराज होता था तो मुझे इंतजार रहता की तुम मुझे कॉल करो, मुझसे कुछ बात कहो। 

मगर, नही। 

        ......एक लम्बा वक्त बीत जाता तुम मुझे कोई कॉल नहीं करती मुझसे कुछ भी नही पूछती थी। मैं उस वक्त ज्यादा उदास हो जाता था, जब कभी तुम मेरे सामने गैर लोगो से नजदीकियां दिखा रही होती थी। तब मुझे लगता है मेरी उपस्थिति शायद निरर्थक है क्योंकि उनके सामने तुम सबसे ज्यादा मुझे इग्नोर कर रही होती थी, जबकि मैं तुम्हारे लिए ही तो वहां मौजूद रहता।

       हर बार मैं और दु:खी हो जाता हूं... जब कभी मुझे लगता है तुम मुझसे मेरे बारे में कुछ कहो,  तब तुम हमेशा पूछते हो उस वक्त किसी दूसरे के बारे में कि फलां इंसान कैसा है ? जबकि तुम्हे जानना चाहिए तुम मेरे लिए क्या हो। 

      अंत में मैं कहना चाहूंगा .....शायद तुम्हें ना पता हो लेकिन अब मैंने Dairy Milk Chocolate  खरीदना एवं खाना छोड़ दिया हैं। आज वो दुकानदार भी पूछ रहा था भैया कभी दो-दो फ्लेवर के Dairy Milk Chocolate खरीदने वाले आज चॉकलेट से इतनी दूरी क्यो बना लिये है ? और जानती हो मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं था। लेकिन फिर भी आज मैंने दो Chocolate खरीद तो ली है लेकिन इसे तुम्हारे बगैर खाने की इच्छा नहीं हो रही है।



        मुझे बहुत तिरस्कृत सा महसूस होता हैं....  तुम नही जानती हो मेरी तुमसे क्या उम्मीदें थी, हैं और रहेंगी। लेकिन, हां मैं जानता हूं तुम मेरी उम्मीदों का मूल कभी चुका नही सकोगी....


.....क्योंकि तुम्हारे भावों में शायद इतना सामर्थ्य नही है। अब तो बस इच्छा यही हैं कि तुमसे कह दूँ।


 पगली, अलविदा।


तुम्हारा विश्वजीत✍️

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