पेंसिल (एक सूखा माध्यम)
सिडार की लकड़ी का प्रयोग पेंसिल के निर्माण में किया जाता है। पेंसिल हमें 15' पर दिखाई देती है।
यह एक कार्बन का रूप होता है एवं ग्रेफाइट से बनी होती है। ग्रेफाइट के साथ ही मिट्टी का प्रयोग पेंसिल के निर्माण में किया जाता है।
पेंसिल दो प्रकार की होती है -
- Hard - हल्की - इंजीनियरिंग ड्रॉइंग में प्रयुक्त
- Black - गहरी (Dark) पेंटिंग/ड्रॉइंग में प्रयुक्त
HB पेंसिल मध्यम होती है। जिसमें H का मतलब Hard एवं B का मतलब Black होता है।
पेंसिल के बढ़ते क्रम - 2B, 4B, 6B, 8B, 10B.
पेंसिल के घटते क्रम - 2H, 4H, 6H.
साधारणयत: हल्की पेंसिल (Hard) 6H तक बनती है।
साधारणयत: Dark पेंसिल 10 B तक बनती है।
पेस्टल
पेस्टल दो प्रकार के होते हैं -
- सॉफ्ट पेस्टल
- ऑयल पेस्टल
पेस्टल रंग एक शुष्क माध्यम है इसकी प्रकृति अपारदर्शी होती है। इसको ब्रश के बिना स्टिक की सहायता से रंग लगाया जाता है। एक तरफ से रंग को रेखाओ की सहायता से लगाते हैं तत्पश्चात मिश्रण के लिए उंगली या कागज के बने टूल्स का प्रयोग करते है।
Note:- पेस्टल, क्रेयॉन, चारकोल यह सभी शुष्क माध्यम के अंतर्गत आते हैं।
धरातल - खुरदरा/टिंट पेपर का इस्तेमाल किया जाता है। इन चित्रों को सुरक्षित रखने के लिए फिक्सेटिव की जरूरत पड़ती है। फिक्सेटिव स्थायीकरण की एक विधि हैं।
पेस्टल की भांति ही क्रेयॉन होता है यह भी दो प्रकार का होता है
- सॉफ्ट क्रेयॉन
- ऑयल क्रेयॉन
कोलॉज
कोलॉज को 1912 ईस्वी में फ्रांस के घनवादी कलाकारों के द्वारा प्रयोग किया गया। कागज/कपड़ा एवं अन्य प्रकार के टुकड़ों के द्वारा इसमें चित्रों का निर्माण किया जाता है।
बाटीक
बाटीक कपड़े रंगने की एक विधि हैं। इसकी खोज इंडोनेशिया (एशिया) में हुई थी। मोम विद्या से कपड़ों पर पैटर्न बनाया जाता है। मोम लगाने के टूल्स को तीजान्टिन कहते हैं।
सरगाज फिटो/ सेग्रि फिटो
सरगाज फिटो/ सेग्रि फिटो भित्ति चित्रण की एक विधि हैं। 14वीं शताब्दी में इटली में इसकी खोज हुई थी।
एक्शन पेंटिंग (क्रियात्मक चित्रण)
अमेरिका में रंगों को बहाकर की गई चित्रकारी को एक्शन पेंटिंग कहा गया। एक्शन पेंटिंग के प्रसिद्ध चित्रकार जैकसन पोलॉक है।
इलस्ट्रेशन (दृष्टांत चित्र)
कहानी से सम्बंधित चित्र को इलस्ट्रेशन चित्रण कहा जाता है।
जांत्विक रंग :- रंगों में चमक बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। बसोहली शैली में इसका प्रयोग हमें अधिकतर दिखाई देता है।
टिपाई :- मुगल काल में प्रारंभिक रेखांकन को टिपाई कहां गया है।
पेट्रोगिल्फ :- प्रागैतिहासिक कालीन चित्र जो कि पत्थरों पर उकेर कर बनाए गए हैं उनके लिए पेट्रोगिल्फ शब्द का प्रयोग किया जाता है।
आर्मेचर :- मूर्तिकला में मूर्ति को मजबूती प्रदान करने वाले छड़ को आर्मेचर कहते हैं।
वस्ट :- आवाक्ष शिल्प
युकिए ए :- जापान में स्याही से (काली) की गई चित्रकारी को युकिए ए कहा जाता है।
बेनिए :- जापान में गुलाबी तथा हरे रंग के प्रयोग से निर्मित चित्र को बेनिए कहते हैं।
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