तैल रंग/ऑयल कलर (Oil Colour)
तैल में घुलनशील रंगों को तैल रंग कहते हैं। इसमें तेल की मात्रा 50:50 होती है। तैल रंग दो प्रकार के होते हैं -
- वसीय तैल (रंगों में बाईंडर मिलाते हैं।) ज्यादा देर तक गीला रखने के लिए इसमें लिंसीड ऑयल का प्रयोग किया जाता है।
- वाष्पीय इसमें रंगों को पतला रखा जाता है जल्दी सूखने के लिए।
इसकी खोज 15वी शताब्दी में नीदरलैंड में हुई थी, इस के खोजकर्ता थे -
- जॉनबान आईक
- हुबर्ट आईक।
इन्हें आईक बंधु भी कहा जाता है। यदि भारत की बात की जाए तो भारत में राजा रवि वर्मा के द्वारा इसकी खोज एवं उपयोग में लाई गई थी। तैल रंगों को अंधेरे से उजाले की ओर (डार्क टू लाइट) में कार्य किया जाता है। इसकी प्रकृति अपारदर्शी होती है। तैल रंग के लिए धरातल कैनवास होता है। कैनवास एक विशेष प्रकार का कपड़ा/पट होता है। लेनिन का कैनवास सबसे उपयुक्त माना जाता है तैल रंग के लिये। ताना-बाना विधि से कैनवास का निर्माण किया जाता है।
ताना-बाना विधि
तैल रंग के लिए कैनवास को तैयार करने की विधि -
चौखट लकड़ी ➡️ पिनअप ➡️ साइजिंग तथा प्राईमिंग
Note:- गोंद + पानी = सरेस ➡️ सफेदी (टेक्चर वाइट) इसे प्राईमिंग भी कहते हैं।
तैल रंग के लिए चपटे एवं लंबे हैंडल वाले ब्रश की आवश्यकता होती है। रंगों को धरातल पर लगाने के लिए कड़े बाल (सूअर के बाल) ब्रिस्ल ब्रश (चपटे किनारे वाली ब्रश) सिंम्बल हेयर (जापान में प्राप्त हिरण के बालों से बना ब्रश) प्रयुक्त होता है। तैल रंग में बारीक काम के लिए गोल किनारे वाली तूलिका फिलबर्ट ब्रश का प्रयोग किया जाता है। ब्रश/कूची/कलम/वर्तिका इसके 03 भाग होते हैं।
नेप्थलीन की गोली ब्रश को सुरक्षित रखने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। तैल रंग को कपड़ा, कैनवास, भित्ति/दीवार, ऑयल सीट (कागज) पर भी निर्मित किया जाता है।
जल रंग (Water Colour)
इसकी खोज 10वीं शताब्दी में धाल सैल बाई इंग्लैंड के द्वारा की गई थी। 15वी शताब्दी में जर्मन के ड्यूरर ने इसका प्रयोग किया था। यह एक पारदर्शी कलर है इसमें प्रकाश से अंधेरे लाइट टू डार्क में कार्य किया जाता है। जल रंग में चित्रों का निर्माण करते समय सफेद तथा काला रंग वर्जित होता है। शैवेल ब्रश का प्रयोग हम जल रंग के निर्माण में करते हैं इसका धरातल कागज एवं रेशम का कपड़ा है।
जे. व्हाट्स मैन कंपनी इंग्लैंड कि हैं जो व्हाट्स मैन कागज बनाती है जो कि जल रंग के लिए सर्वोत्तम है। हैंड मेड कागज भारत में सर्वोत्तम होता है जल रंग के लिए। इसके अलावा खुरदरा कार्टीज़ पेपर, सन्दर पेपर, फैबियानो पेपर, कैंनसन पेपर का भी प्रयोग जल रंग के चित्र में किया जाता है।
कुछ पारदर्शी एवं अपारदर्शी रंग एवं चित्रण-विधि
पारदर्शी:-
- वाश टेक्निक (प्रक्षालन विधि)
- आला प्राइमा (ठेठ चित्रण)
- ग्लेजिंग
- स्पंजिंग
- वेरी गाइडेड
अपारदर्शी:-
- ग्वाचे - धुची/बॉडी कलर
- ओपेक
- बिंदु वर्तना
- रेखा वर्तना
- ड्राई बसिंग
- वाश टेक्निक (प्रक्षालन विधि) :- इसकी खोज बंगाल शैली के चित्रकार अवनींद्र नाथ टैगोर ने की थी।
- फ्रोताज विधि :- इसकी खोज मार्क एंडशर्ट ने की थी। यह जर्मन के अति यथार्थवादी एवं दादा वादी कलाकार थे इस तकनीक में पोत का प्रभाव दर्शाने की क्रिया की जाती है।
एक्रेलिक (टेंपरा का आधुनिक रूप)
यह सबसे आधुनिक रंग है प्राचीन रंग भूमिज रंग हैं। इसका माध्यम पारदर्शी एवं अपारदर्शी दोनों होता है। 1920 ईस्वी में संपूर्ण विश्व में यह प्रचलित हो गया था। लैटिन ग्रुप के कलाकारों ने सर्वप्रथम इसका सफल प्रयोग किया। ऑटो रोहन ने एक्रेलिक जैल की खोज की थी इसके प्रयोग से रंग जल्दी सूख जाता है। इसके प्रयोग के पश्चात इसके ऊपर तैल तथा जल का प्रभाव नहीं पड़ता। तैल रंगों की भांति कालांतर में यह पीला भी नहीं पड़ता। इसके ऊपर वातावरण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
धरातल :- पॉलीमर लगा गैसोंपट सर्वोत्तम धरातल है एक्रेलिक रंग के लिए। इसके अलावा कैनवास, कागज, कागज, काष्ठ, आदि माध्यम पर भी इसका प्रयोग किया जाता है।
Sunday Painters (रविवासरीय चित्रकार):- यह फ्रांस के चित्रकार थे यह वह लोग होते हैं जो पेशे से चित्रकार तो नहीं होते लेकिन चित्रकारी कार्य केवल रविवार (संडे) को करते हैं। इसीलिए इन्हें संडे पेंटर्स या रविवासरीय चित्रकार कहा जाता है।
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Oil Colour
Oil-soluble colors are called oil colours. The quantity of oil in it is 50:50. There are two types of oil colors –
(i) Fatty oil (Binder is added to the colours.) Linseed oil is used in it to keep the colors wet for a longer period.
(ii) Vapor: In this, the colors are kept thin so that they dry quickly.
It was discovered in the Netherlands in the 15th century, Its discoverers were –
Johnban Eyck
Hubert Eyck.
They are also called the Eyck brothers. If we talk about India, it was discovered and used in India by Raja Ravi Varma. Oil colors are worked from dark to light. Its nature is opaque. The surface for oil paint is canvas. Canvas is a special type of cloth/screen. Lenin's canvas is considered most suitable for oil paint. Canvas is manufactured by the warp method.
warp method
Method of preparing canvas for oil paint -
Door Frame ➡️ Pinup ➡️ Sizing and Priming
Note:- Glue + water = glue ➡️ Whiteness (texture white) This is also called priming.
Oil paint requires a flat and long-handled brush. To apply colors on the surface, stiff hair (pig hair), bristle brush (flat-edged brush), and cymbal hair (brush made of deer hair obtained in Japan) are used. For fine work in oil paint, a round-edged paintbrush called Filbert brush is used. It has three parts: brush.
Naphthalene tablets are used to keep brushes safe. Oil paint is also produced on cloth, canvas, mural/wall, oil seat (paper).
Water Colour
It was discovered by Dhal Sail Bai of England in the 10th century. It was used by Dürer of Germany in the 15th century. It is a transparent color and the work is done from light to dark. While making paintings in watercolor, white and black colors are prohibited. We use Chevel brush in making watercolors. Its surface is paper and silk cloth.
J. What's Man Company of England designs What's Man paper which is best for watercolor. Handmade paper in India is best for watercolors. Apart from this, Kurdara Cartese paper, Sander paper, Fabiano paper, and Canson paper are also used in watercolor paintings.
Some Transparent, opaque colors and illustration methods
Transparent:-
- Wash technique
- Niche prima (Typical illustration)
- Glazing
- sponging
- very guided
Opaque:-
- Gwacha - Duchchi/Body Color
- OPEC
- Point drawing (Stippling)
- line drawing
- Dry busing
Wash Technique:- It was invented by Bengal style painter Abanindranath Tagore.
Frottage Method:- It was discovered by Mark Anderstart. He was a German ultra-realist and Dadaist artist. In this technique, the effect of a texture is shown.
Acrylic (modern form of tempera)
This is the most modern color, the ancient colors are Bhoomij colors. Its medium is both transparent and opaque. It became popular all over the world in 1920 AD. Latin group artists first used it successfully. Otto Rohan had discovered acrylic gel, and with its use, the paint dries quickly. After its use, oil and water do not affect it. Unlike oil colours, it does not turn yellow with time. The environment has no effect on it.
Surface:- Polymer-coated gas screen is the best surface for acrylic paint. Apart from this, it is also used on canvas, paper, paper, wood, etc. medium.
Sunday Painters:- These were the painters of France. These are the people who are not painters by profession but do painting work only on Sundays. That is why they are called Sunday painters.
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