अजी !!! कुछ तो बोलो
संशय से झुकी चक्षुओं को,
धीरे से उठालो।
स्नेह से देखो मुझको,
अजी !!! कुछ तो बोलो। --2
मद से भरे नयन तुम्हारे,
जब भी है हमको पुकारे।
हर बार करें हम इजहार प्यार का,
ना जाने तुम क्यो हो शर्माते।
ऐसा कैसे चलेगा जानु,
जरा मेरा भी वार्तालाप सुन लो।
स्नेह से देखो मुझको,
अजी!!! कुछ तो बोलो। --2
इन्टरनेट पर आभाषी दोस्तो के संग,
करती हो तुम खुब ठिठोली।
मै भी इधर ऑनलाईन हुँ,
मुझे भी दे दो एक इमोजी ।
इधर मैं खड़ा दिल का मारा,
कभी मेरा मैसेज भी सीन कर लो।
स्नेह से देखो मुझको,
अजी !!! कुछ तो बोलो। --2
-विश्वजीत कुमार
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