मंगलवार, 20 अक्टूबर 2020

स्वयं का मूल्यांकन कैसे करें ? How to evaluate yourself ? Hindi and English Notes.

 


      एक सफल जीवन जीने की चाह भला किसे नहीं होती? हर इंसान इस उम्मीद से जीता है कि एक दिन उसे सफलता जरूर मिलेगी, लेकिन इसके लिए कुछ प्रयास हमें भी करने चाहिए। हमें हमेशा तत्पर रहना चाहिए। ए०पी०जे० अब्दुल कलाम ने कहा है:- 

इंतजार करने वाले को सिर्फ 
उतना ही मिलता है। 
जितना, 
कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं।

     अब्दुल कलाम साहब की यह पंक्ति हमें खुद को झकझोरने पर मजबूर कर देती है। हमें पता नहीं चलता कि हम किसका इंतजार कर रहे हैं? दुनिया का कोई भी इंसान आपको सफल नहीं बना सकता जब तक आपकी स्वयं की इच्छा नहीं हो। महाभारत में कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश देते हुए कहते हैं:-  

हे अर्जुन तुम बस कर्म करते जाओ फल की इच्छा मत करो क्योंकि फल तुम्हारे वश में नहीं है।

   अर्थात, भगवान कृष्ण ने भी हमें फल रहित कर्म करने की सलाह दी है वैसे ढेर सारे उदाहरण आपको अपने चारों ओर के परिदृश्य में देखने को मिल जाएंगे। अब सवाल यह उठता है कि कर्म करने के लिए स्वयं को प्रेरित कैसे करें? आखिर कौन सा कारक है, जो हमें कर्म करने से रोकता है। इसका सबसे सही जवाब है "स्वयं" स्वयं का मूल्यांकन करना।

         "स्वयं का मूल्यांकन" का तात्पर्य है हमें अपने आपको समय-समय पर स्वयं को जांचने परखते रहना चाहिए। अक्सर हम अपनी गलती को किसी दूसरे के ऊपर डालकर झूठ का सहारा लेते हैं। हम अपनी गलतियों पर ध्यान नहीं देते हैं जिससे भविष्य में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और हम झूठ के जाल में फंसते चले जाते हैं। गांधी जी ने सत्य और अहिंसा को मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण तथ्य माना है। सत्य और अहिंसा के रास्ते पर ही मनुष्य स्वयं को आगे बढ़ा सकता है। स्वयं का मूल्यांकन का सबसे अच्छा उपाय है हम प्रत्येक दिन खुद को थोड़ा समय दे तथा खुद से सवाल करे कि हम में क्या कमी रह गई है? जब सभी प्रश्नों का उत्तर हम स्वयं में ढूंढने में सक्षम हो जाते हैं तो जिंदगी में भी सफलता मिलना  सुनिश्चित हो जाता है।


 Who doesn't want to lead a successful life?  Every person lives with the hope that one day he will definitely get success, but for this we should also make some efforts.  We should always be ready.  APJ Abdul Kalam has said:-

 Those who wait get only that much, those who try give up.

 This line of Abdul Kalam sahib compels us to shake ourselves.  We don't know what are we waiting for?  No human in the world can make you successful unless you have your own will.  In the Mahabharata, Krishna while preaching to Arjuna says:-

 O Arjuna, just go on doing your work, don't desire for the fruit, because the fruit is not in your control.

 That is, Lord Krishna has also advised us to do fruitless deeds, although you will find many examples in the landscape around you.  Now the question arises that how to motivate oneself to act?  After all, what is the factor, which prevents us from doing Karma.  The best answer to this is "Self" Evaluate yourself.

 "Self-evaluation" means we should keep checking ourselves from time to time.  Often we resort to lies by blaming our fault on someone else.  We do not pay attention to our mistakes, due to which we have to face a lot of difficulties in future and we keep getting caught in the web of lies.  Gandhiji considered truth and non-violence as the most important facts of human life.  Only on the path of truth and non-violence can a man advance himself.  The best way to evaluate ourselves is to give ourselves some time each day and ask ourselves what are we missing?  When we are able to find the answer to all the questions in ourselves, then success in life is ensured.

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