#लोकगीत पर विवेचना, विषय:- लोकगीत की परंपरा आज समाप्त होते जा रही है। EPC-1 Unit-3 Munger University, Munger Video Link:- https://www.youtube.com/watch?v=fIvIln_J7xA&t=31s
लोकगीत
परिचय:- पुस्तकीय ज्ञान से भिन्न व्यवहारिक ज्ञान पर आधारित एवं क्षेत्र विशेष के लोगों की समस्याओं को अभिव्यक्त करने की परंपरा या अनुभूति ही लोकगीत कहलाती है। इसकी रचना अंधविश्वास, धार्मिक भावनाओं, वर्तमान में उपस्थित समस्याओं, इत्यादि। से प्रेरित होकर रचित की जाती है। भारतीय लोक-गीत जन समुदाय के बीच की एक कला है। इसका इतिहास उतना ही पुराना है जितना कि भारतीय सभ्यता। लोक कलाकारों ने प्रत्येक ईस्वी में लोकगीतों का निर्माण किया होगा परंतु हमारा दुर्भाग्य है कि हम इसे प्राप्त नहीं कर पाए। भारत के हर प्रदेश में कला की अपनी एक विशेष शैली और पद्धति है जिसे हम लोग लोक कला के नाम से जानते हैं।
लोकगीत को प्रस्तुत करने से पूर्व हम इस लोक गीत की रचना के पीछे की कहानी को बताते हैं:- एक बेटी का बाप शादी के लिए लड़के वालों के पास जाता है और लड़का का घर उसे बहुत पसंद आता है। वह उसके घर को ही देखकर अपनी बेटी की शादी उस घर में कर देता है। लेकिन जब लड़की घर आती है तो उसे अनेकों प्रकार की यातनाएं और परेशानियां झेलनी पड़ती है। कई दिनों के उपरांत जब वृद्ध पिता अपनी बेटी से मिलने आते है तो उसके घर की जो सास-ससुर, ननद और उसके पति जो होते हैं उन्हें लगता है कि वह अपने पिता से हम लोग की शिकायत करेगी इसीलिए वह एक छोटी बच्ची को उसके पास बैठा देते हैं ताकि वह कुछ भी बातें कहे तो तुरंत आ करके उसको बता सके। दुल्हन जो होती है वह उनकी चाल को समझ जाती है। जैसे ही पिता अपनी बेटी से मिलने आते हैं पहले तो उनसे आराम से बात करती है फिर रोने लगती है और रो-रोकर के ही गीत के माध्यम से अपनी पूरी अपनी दु:खद कहानी को गाते हुए कहती है:-
काकावां रे काकावा,
कईलाs बियाह देखी घर पाकवां रे काकवां.......
पिता को जब यह बात पता चलती है तो उन्हें बहुत अफसोस होता है वो सोचने लगते हैं कि काश मैंने पहले से सोच समझकर निर्णय लिया होता तो आज बेटी इतने कष्ट में ना होती। फिर भी भी वो अपनी बेटी को समझाते हुए कहते है:- बेटी चुप हो जाओ, हम इस दु:ख का निवारण करने का प्रयास करेंगे। पिता जब अपनी बेटी को समझा-बुझा कर चले जाते हैं तब उसके घर वाले उस छोटी बच्ची को बुलाते हैं और पूछते हैं कि वह अपने पिता से हमारी क्या शिकायत की है? तब वो लड़की कहती है वो कहां कुछ बोली, केवल लगातार रोए जा रही थी। उसने कुछ नहीं कहा आप लोगो के बारे में। आप इस घटना से लोकगीत की महत्ता को आसानी से समझ सकते हैं।
प्रश्न के अनुसार प्रस्तुत हैं एक भोजपुरी लोकगीत
લોકગીત
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