मुखड़ा ग़ज़ल में उसका निखारा है दोस्तों।
कागज पे हमने चांद उतारा है दोस्तों ।।
इल्जाम दुश्मनी के सर है और बात है।
सारा जहान प्यार में हारा है दोस्तों ।।
फेहरिस्त में ऊबे हुए जो हमसे लोग हैं।
है पहला नाम उनमें हमारा ही दोस्तों।।
मन ब्याह लिया जिसने भी किसी के प्रेम में।
मिलके भी ख़ाक में वो कुँवारा है दोस्तों।।
हमने बनाया जिसके लिए दिल में आशियां।
पत्थर उसी ने ताक के मारा है दोस्तों ।।
उसने भले फ़रेब लाख संग मेरे किए।
फिर भी वो हमें जान से प्यारा है दोस्तों।।
तुम मत मलाल जिंदगी में करो अब ।
जो भी हुआ कुदरत का इशारा है दोस्तों ।।
साभार - सोशल मीडिया
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