गुरुवार, 25 अप्रैल 2024

ब्यूटी-पार्लर (Beauty Parlour)


 ब्यूटी पार्लर


 एक दिन एगो भउजी अइली खूब श्रृंगार सजा के,

ब्यूटी पार्लर से मुखड़ा के डेंट-पेंट करवा के।

 बड़ा सलीका से झजुड़ाके झोटा रहे झाराईल,

झमकत हमरा सोझा अईली चोन्हा में उतराईल।


पार्लर से हम आवत बानीs घंटा तीन गवां के,

कईसन लागत बानीs बबुआ पूछली उs बलखाके।

 हम उनका के ताके लगनी नख से लेके शिख तक,

लिनब के जादू से लेके केशन के काली तक।


कहनी भउजी लागत बाड़ू तू सुघड़ बड़ी हो,

तोहरा निहर तीनों लोक में बाँटे के हो।

 भउजी तनी लजा के कहली भक्क्क!!! सच्चहूं तनी बताई,

 कहवाँ अईसन सुघर बानी हमरा के मत भरमाई।


 हम कहनी सच्चाई सुन के जोहे लगबु झगड़ा,

 तबो मन बाटे तs सुन लs भले ही होई लफड़ा।

 सच तs ई बा की ब्यूटी पर तू रुपया ना उड़वतु,

 रूप रहित तs का लेवे तू ब्यूटी पार्लर जईतु।


 क्रीम लगावला से सुघराई भउजी यदि तनीको आ जाईत,

रोज सवेरे सुरुज चल के ब्यूटी पार्लर जाईत।

 तन के रोवा सुंदरता में रोड़ा अगर अड़ाईत।

 नित गुलाब वैक्स करावे मलिया लेके जाईत।


 अगर दाग से उहो आपन छुटकारा पा जईतन,

 चंदो मामा रोज बईठ के खूब मसाज करईतन।

 ई कईला से मुखड़ा पर जे तनको लाइट आ जाईत,

ताजमहल के फेसवॉश से रगरल-धोवल जाईत।


 ऐ चांदनी रात के बोलs के मसाज करेला,

 बिना फेशियल चंदा🌙 काहे दिल❤️ पर राज करेला।

 सूर्योदय के बेरा धरती कवना पार्लर जाले,

 कवन सेंट फूलन पर लागलs जे तितली मंडराले।


 विश्व मोहन के रूप मिलल का प्रभु के पार्लर जाके,

 का मनमोहन के मन बसली राधा क्रीम लगा के।

 का मेनका मसाज करा के कौशिक के तप तोड़ली,

 गउरा का फेशियल करा के शिव के हीयरा हरली।


 वन, पहाड़, सागर, आकाश का कबहुँ पार्लर जाला,

 फिर काहे सब रूप देख के सम्मोहित हो जाला।

 छोड़ी सब तितली के देखी, देखी ना मछली के,

 रंग बिरंगी पशु-पक्षी आ किसलय कुसुम कली के।


 कवना ब्यूटी पार्लर में ई सब श्रृंगार करेला,

 कवन होंठलाली जवना से सुग्गा टोढ़ रंगेला।

 दुनिया के श्रृंगार प्रकृति खुदे अपने हाथ करेले,

जे जवना के योग रहे ओही में रंग भरेले।


 जवन सुघराई के रक्षा क्रीम पोत के होई,

 हम ना करब होकर प्रशंसा भले करें सब कोई।

 क्रीम लगवले सुघराई कुछ क्षण खातिर बढ़ जाले,

 बाकी हंस रूप में बकुली कबो ना बना आदर पाले।


 पांख बढ़वले गीद्ध मोरनी सरीखे ना होई,

 कौआ ना उजर हो जाई केतनो रगड़ी धोई।

 सुंदरता ईश्वर के दिहल नेमत में आवेला,

जे उनकर कृपा पावे उs सुघराई पावेला।


 उनकर दिहल रूप भला के इहां निखाड़े पाई,

उs तs चौदस के चंदा हs खुद ही निखरत जाई।

 ऐ ही से अब कबो अईहs ब्यूटी पार्लर जाके,

 हमरो झोजा मत चमकइहs पाउडर, क्रीम लगा के।


 संजीव कुमार त्यागी✍️  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें