"लोगों को नजर-अंदाज करना सीखें तभी आप ऊंची उड़ान भर सकते हैं।" इस वाक्य की सर्तकता को हम एक कहानी के माध्यम से समझते हैं। कौआ एकमात्र ऐसा पक्षी है जो बाज़ पर चोंच मारने की हिम्मत करता है अन्यथा ऐसी साहस दूसरे किसी पक्षी में नहीं है। वह बाज़ की पीठ पर जा बैठता है और उसकी गर्दन को काटने का प्रयास करता है लेकिन बाज़ जवाब नहीं देता और न ही उस कौआ से लड़ता है क्योंकि उसे पता है की इस तुच्छ प्राणी पर समय देना निरर्थक है।
वह तो बस अपने पंख खोलता है और आसमान में ऊँचा उठना शुरू कर देता है। उड़ान जितनी ऊँची होती है, उतना ही मुश्किल होता है ऊपर साँस लेना और फिर आक्सीजन की कमी के कारण कौआ नीचे गिर जाता हैं अंतत: उसकी मृत्यु हो जाती है।
हम सभी के जीवन में भी ऐसे ही कौवे रूपी लोगों की उपस्थिति रहती है जो वक्त-बेवक्त हमें परेशान किया करते हैं। मनुष्य रूपी कौओं के साथ हमे अपना समय बर्बाद नही करना चाहिए। बस खुद ऊंचाइयों पर चले जाना चाहिए। हमे अपने कार्य मे सतत लगे रहना चाहिए वे सभी स्वत: ही मिट जाएंगे......
#ignore😎🤗
Bahut hi शानदार कहानी थी गुरुदेव हमें सदा ही ऐसे लोगो को नजरअंदाज करके चलना चाहिए ।
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