विद्यार्थी, शिक्षक, मार्गदर्शक, शैक्षिक नियोजकों एवं प्रशासकों के लिए आई०सी०टी० की उपयोगिता F-12. Video Link:- https://www.youtube.com/watch?v=-uWh5_-L07Y
प्रश्न.- I.C.T. विद्यार्थी, शिक्षक एवं मार्गदर्शकों के लिए किस प्रकार आवश्यक है ?
उत्तर - शिक्षा की दृष्टि से सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी की उपयोगिता एवं महत्त्व निम्न प्रकार हो सकते हैं:-
- विद्यार्थियों के लिए उपयोगी (Useful to the Students)
- शिक्षकों के लिए उपयोगी (Useful to the Teachers)
- मार्गदर्शकों के लिए उपयोगी (Useful to the Counsellors)
- शैक्षिक नियोजकों एवं प्रशासकों के लिए उपयोगी (Useful for the Educational Planners and Administrators)
- विद्यार्थियों के लिए उपयोगी (Useful to the Students):- छात्र-छात्राओं के लिए सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का उपयोग निम्नलिखित कार्यों में हो सकता है-
(a) विद्यार्थी सूचना के स्रोतों से परिचित हो सकेंगे।
(b) सूचनाओं को सम्यक् रूप से एकत्रित करेंगे।
(c) सूचनाओं के एकत्रीकरण के पश्चात आवश्यकतानुसार उपयुक्त अवसर पर उनके उपयोग का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे ।
(d) सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी द्वारा वे समस्या समाधान की योग्यता और निर्णय क्षमता का प्रशिक्षण ग्रहण करेंगे।
2.शिक्षकों के लिए उपयोगी (Useful to the Teachers):- इससे शिक्षकों को निम्नलिखित लाभ होंगे
(a) सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी शिक्षण दायित्वों को निभाने में उनकी सहायता कर सकती है।
(b) प्रभावी शिक्षण कार्य हेतु उन्हें विभिन्न प्रकार की सूचनाओं, आँकड़े और जानकारी की आवश्यकता होती है। इस दृष्टि से सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। भार को कुछ हल्का कर सकते हैं।
(c) विद्यार्थियों को भी ज्ञान व सूचना के स्त्रोतों से अवगत कराकर शिक्षक अपने कार्य भार को कुछ हल्का कर सकते हैं।
(d) शिक्षण मशीन, कम्प्यूटर निर्देशित स्व-अधिगम सामग्री और अभिक्रमित पाट्य-पुस्तकों आदि के द्वारा वे अपना कार्य अपेक्षाकृत अधिक अच्छे ढंग से कर सकते हैं।
3.मार्गदर्शकों के लिए उपयोगी (Useful to the Counsellors):- निर्देशन एवं परामर्श सेवाएं चाहे उनका संचालन विद्यालय परिसर में हो या अन्य संस्थाओं में, सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी हमेशा ही सहायक सिद्ध हो सकती है । इस दृष्टि से यह व्यक्तिगत, व्यावसायिक तथा शैक्षिक से लेकर विभिन्न प्रकार की सम्बन्धित सूचनाओं, आँकड़ों, जानकारी एवं सम्प्रेषण की निरन्तर आवश्यकता रहती है। अत: सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी की सहायता से विश्वसनीय एवं वैघ आँकड़े तथा पूर्ण जानकारियाँ उपलव्य कराई जा सकती है।
(a) शिक्षा सम्बन्धी गतिविधियों का ठीक प्रकार से संचालन करने में सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी मूल्यवान सिद्ध होती है ।
(b) किसी भी प्रकार का योजनाबद्ध कार्य बिना उपयुक्त सूचनाओं, जानकारी एवं आंकड़ों के अभाव में पूर्ण नहीं हो सकता, जैसे- छात्रों को किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश देना, परीक्षाएं आयोजित करना, इत्यादि। जैसे सभी कार्य सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी की सहायता से ही भली-भाँति हो सकते हैं।
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