मंगलवार, 29 सितंबर 2020

प्रश्न.- पंचतंत्र की रचना क्यों हुई? इसकी कहानियों के पीछे छुपे उद्देश्य का वर्णन करें।

      

पंचतंत्र की रचना क्यों हुई ? इसकी कहानियों के पीछे छुपे उद्देश्य का वर्णन करें। B.Ed.1st Year. EPC-1, Video Link:-  https://www.youtube.com/watch?v=ARprGOy71vw

         संस्कृत नीति कथाओं में पंचतंत्र का पहला स्थान माना जाता है यद्यपि यह पुस्तक अपने मूल रूप में नहीं रह गई है फिर भी उपलब्ध अनुवादों के आधार पर इसकी रचना तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास निर्धारित की गई है। इस ग्रंथ के रचयिता पंडित विष्णु शर्मा हैं। कहां जाता है कि जब इस ग्रंथ की रचना पूरी हुई तब उनकी उम्र लगभग 80 वर्ष थी। विष्णु शर्मा ने जिस कहानी के माध्यम से नीतिपरक बातें बताई हैं उन कहानियों का संग्रह पांच भागों में किया गया है इसीलिए हम इसे पंचतंत्र कहते हैं।

(01) मित्र भेद (मित्रों में मनमुटाव एवं अलगाव) 
(02) मित्रलाभ या मित्रसंप्राप्ति मित्र प्राप्ति एवं उसके लाभ)
(03) संधि- विग्रह/काकोलुकियम (कौवे एवं उल्लूओं की कथा)
(04)लब्ध प्रणाश (हाथ लगी चीज का हाथ से निकल जाना, मृत्यु या विनाश के आने पर क्या समाधान किया जाए)
(05) अपरीक्षित कारक( जिसको परखा नहीं गया हो उसे करने से पहले सावधान रहें, हड़बड़ी में कदम ना उठाये ) 
 
        मनोविज्ञान व्यवहारिकता तथा राजकाज के सिद्धांतों से परिचित कराती यह कहानियां सभी विषयों को बड़े ही रोचक तरीके से हमारे सम्मुख प्रस्तुत करती है एवं साथ-ही-साथ सीख देने की कोशिश भी करती है। पंचतंत्र की कहानियों में मनुष्य-पात्रों के अलावा कई बार पशु-पक्षियों को भी कथा का पात्र बनाया गया है तथा उनसे कई शिक्षाप्रद बातें कहलवाने की भी कोशिश की गई है।
       संपूर्ण विश्व के कथा-साहित्य को संस्कृत भाषा की अपूर्व देन है- पंचतंत्र की कहानियां। बाल मनोविज्ञान के आधार पर शिक्षा जगत में किया गया एक ऐसा अनूठा प्रयोग है जिसने यह सिद्ध कर दिया कि कुशल एवं पारंगत शिक्षक एक विवेकहीन छात्र को भी विवेकवान बना सकते हैं। ऐसा ही तो कर दिखाया था इस पुस्तक के मूल लेखक पंडित विष्णु शर्मा ने। उन्होंने राजा अमर शक्ति के मूर्ख राजकुमारों को राजनीति में निपुण बनाकर एक सर्वश्रेष्ठ राजा बनाने का कार्य किये थे।
      "पंचतंत्र" नीतिशास्त्र का प्रतिनिधि (Representative) ग्रंथ है। इसमें कथाओं की ऐसी रुचिकर श्रृंखला है कि पढ़ने वाले अनचाहे ही इससे जुड़ते चले जाते हैं। बाल साहित्य के रूप में भी इसे पूरे विश्व में सराहा गया है। नीति की समझ एवं मूल्यों की जानकारी देने वाली इन कथाओं को अनेक भाषाओं में अनुवाद भी किया गया हैं। 
       पंचतंत्र की ये कथाएं मानव स्वभाव को परखते हुए सावधानीपूर्वक व्यवहार करने की समझ देती है। इसकी प्रत्येक कथा जीवन को एक नए कोण से देखना सिखाती हैं। इन कहानियों को पढ़कर यह ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफल कैसे हो? 
         मूल रूप से संस्कृत में रचित इस ग्रंथ का हिंदी भाषा में अनुवाद एवं प्रकाशन कई विदेशी भाषाओं में प्रकाशन के बाद हुआ यह हैरानी की बात है। इससे हमारी मानसिकता का भी अंदाजा लगा सकते हैं कि हमें हमारी कीमत दूसरे बताते हैं। मुझे लगता है कि इससे पूर्व शायद ही किसी लेखक ने कभी ऐसा प्रयास किया भी हो कि जानवरों एवं पशु-पक्षियों के द्वारा भी ज्ञान और नीति की बातें बताई जा सकती है। इसे हम ज्ञान और मनोरंजन का खजाना भी कह सकते है। 
         कथा-साहित्य के इस महान ग्रंथ की महक विदेशों में कैसे पहुंची? इसकी एक कथा प्रचलित है इसकी सत्यता के बारे में हम सार्थक रूप से तो नहीं कह सकते हैं। लेकिन कथा कुछ इस प्रकार है:- एक बार ईरानी सम्राट के राजवैद्य और मंत्री ने पंचतंत्र को अमृत कहा। ईरानी राजवैद्य ने किसी पुस्तक में यह पढ़ा था कि भारत में एक संजीवनी बूटी होती है। जिससे मूर्ख व्यक्ति को भी नीति में पूर्ण किया जा सकता है। इसी बूटी की तलाश में वह राजवैद्य ईरान से चलकर भारत आया और उसने संजीवनी की खोज शुरू कर दी। उस को जब कहीं संजीवनी नहीं मिली तो वह निराश होकर एक विद्वान के पास पहुंचा और अपनी सारी परेशानी उसे बताई। तब उस विद्वान ने कहा:- देखो मित्र इसमें निराश होने की कोई बात नहीं है। भारत में एक संजीवनी नहीं बल्कि संजीवनीयों के पहाड़ हैं। उनमें आपको अनेक संजीवनीया मिल जाएगी। हमारे पास पंचतंत्र नाम का एक ऐसा ग्रंथ है जिसके द्वारा मूर्ख अज्ञानी (जिसे हम विद्वान मृतप्राय ही समझते हैं) लोग नया जीवन प्राप्त कर सकते हैं। ईरानी राजवैद्य यह सुनकर अति प्रसन्न हुआ और उस विद्वान से पंचतंत्र की एक प्रति लेकर वापस ईरान चला गया। वह इस संस्कृत कृति का अनुवाद उसने अपनी भाषा में करके अपनी प्रजा को एक अमूल्य उपहार दिया। इस तरह से हम देखते हैं कि धीरे-धीरे संपूर्ण विश्व के अनेक भाषाओं में पंचतंत्र का अनुवाद किया गया और इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती चली गई।

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