शनिवार, 25 अप्रैल 2020

समकालीन क्षेत्रीय कला (Contemporary Regional Folk Art)



D.El.Ed. 1st Year F-11(कला समेकित शिक्षा) समकालीन क्षेत्रीय कला (Contemporary Regional Folk Art) Video Link:- https://youtu.be/sLUeRbXPrVI


समकालीन क्षेत्रीय कला (Contemporary Regional Folk Art)

         क्षेत्रीय कला को हम लोक कला के नाम से भी संबोधित करते हैं। लोक कला लोक का अर्थ होता है- देखना/अवलोकन करना।  
           हम सभी इसी लोक(संसार) में आंख खोलते हैं और यहीं आंख बंद भी करते हैं और इस अवधि में मानव कई अनुभवो के आधार पर अपने जीवन का ताना-बाना बुनता है। यहां लोक का अर्थ समान्य जीवन से भी होता है।  
      लोक के लिए हम अंग्रेजी शब्द Folk (फोक) का प्रयोग करते हैं। folk मनुष्य के हजारों विश्वासो,रीतियों, व्यवहारों, परंपराओं और संकल्पों से बनता है।  लोक अनंत है। असीम है। जहां तक मनुष्य की कल्पना पहुंचती है वहां तक लोक की सीमा मानी जा सकती है।

लोक कला:- पुस्तकीय ज्ञान से भिन्न, व्यवहारिक ज्ञान पर आधारित सामान्य जन समुदाय की अनुभूति की अभिव्यक्ति ही लोक कला है। जिसकी उत्पत्ति धार्मिक भावनाओं, अंधविश्वासो, और भय निवारण, अलंकरण प्रवृत्ति एवं जातिगत भावनाओं की रक्षा के विचार से हुई है। 
          
       भारतीय लोक कला जन समान्य की कला है। इसका इतिहास उतना ही पुराना है जितना  की भारतीय ग्रामीण सभ्यता। लोक कलाकारों ने लगभग प्रत्येक कालखंड में लोग कलाकृतियों का सृजन किया होगा परंतु वे आज उपलब्ध नहीं है। 
         
         भारत के हर प्रदेश में कला की अपनी एक विशेष शैली और पद्धति है जिसे लोक कला के नाम से जाना जाता है। लोक परंपरागत सौंदर्य, भाव और प्रमाणिकता के कारण भारतीय लोक कला की अंतरराष्ट्रीय बाजार में संभावनाएं बहुत ही प्रबल है।
      
         शैलेंद्र नाथ सामंत के अनुसार- लोक कला जनसामान्य विशेषकर ग्रामीण जनों की सामूहिक अनुभूति की अभिव्यक्ति है।  इसे कुछ विद्वानों ने कृषकों की कला भी माना है। 

      लोक कला का अध्ययन करने पर निम्नलिखित तत्व प्राप्त होते हैं- 

(1)  लोक कला परंपरागत है।
(2)  लोक कला जनसाधारण के लिए शुभ और मंगलदायक है। 
(3)  लोक कला संपूर्ण रूप से ज्यामितीय एवं अलंकारिक होती है।
(4)  लोक कला में जो अभिप्राय: एक बार प्रचलित हो जाता है वह कई वर्षों तक चलता रहता है। अतः लोक कला की किसी भी आकृति की कोई तिथि निश्चित करना संभव नहीं है। 
(5) लोक कला के अंतर्गत रीति-रिवाजों परंपराओं विभिन्न सामाजिक संस्कारों एवं धार्मिक विश्वासों का चित्रण किया जाता है।
(6)  लोक कला प्राचीनता और आधुनिकता के बीच की कड़ी है। 
(7)  भारत के सर्वाधिक प्रसिद्ध लोक चित्रकला है-  बिहार की मधुबनी चित्रकला।

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