रविवार, 5 अप्रैल 2020

कोरोना के साये में मेरी मोहब्बत

कोरोना के साये में मेरी मोहब्बत

कोरोना के चलते सभी घरों में सम्भल गए,
और इस तन्हाई में वह मौसम की तरह बदल गए ।
मौसम के बदलाव में एवं उनकी याद में हुई खराब तबीयत मेरी,
कॉल किया!! एक छींक क्या आई।
वो मुझे तो कोरोना का मरीज समझ गये।
कोरोना के चलते सभी घरों में सम्भल गए,
और इस तन्हाई में वह मौसम की तरह बदल गए ।
भरती हुआ चौदह दिन के लिए आइसोलेशन में,
याद न उनको एक दिन मेरी आई।
जब रिपोर्ट निगेटिव आया,
तब उनको याद जानु का आया ।
अब तो लग चुकी थी ठोकर,
हुआ था दर्द ।
याद तो उनकी आई,
लेकिन गये थे हम सम्भल।
कोरोना के चलते सभी घरों में गए थे सम्भल
और इस तन्हाई में वो मौसम की तरह गए थे बदल।
कोरोना के चलते सभी घरों में गए थे सम्भल
और इस तन्हाई में वो मौसम की तरह गए थे बदल।


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