यह किसको ज्ञात था,
ये वक़्त भी आ जाएगा।
आप मेरी ज़िंदगी के,
राशिफल हो जाएँगे।
आपसे मिलकर हम भी ग़ज़ल हो जाएँगे।
आपके मन में अचानक,
यूँ सजल हो जाएँगे।
क्या ख़बर थी,
हम इतने मुकम्मल हो पायेंगे।
आपसे मिलकर हम भी ग़ज़ल हो जाएँगे।
लिखने लगेंगे अल्फ़ाज आपके लिये,
मुश्किलो में भी संवर जायेंगे।
आप मुझे देखो मै आप को देखु,
वेपरवाही में हम बह जायेंगे।
आपसे मिलकर हम भी ग़ज़ल हो जाएँगे।
वो वक्त भी ख़ूब था,
दिलों में ख्वाहिशो का जोड़ था।
किसको क्या मालुम था,
हम इतने बेखबर हो जायेंगे।
आपसे मिलकर हम भी ग़ज़ल हो जाएँगे।
मुकम्मल - संपूर्ण, समग्र (जिसमे कुछ भी करने को बाकी न हो)
सजल - बादल, नम, शोकाकुल।
आपके मन में अचानक,
जवाब देंहटाएंयूँ सजल हो जाएँगे।
क्या ख़बर थी,
हम इतने मुकम्मल हो पायेंगे।
Bahut sundar Gazal
Bahut sundar sir jee
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है सर
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत पंक्तियां हैं।आपके अंदर का कवि स्पष्ट झलक रहा है।इसी तरह अपनी कविता के रस में हम लोगो को डूबाते रहिये सर, ।
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