कोई तो जिंदगी में रात आखिरी होगी।
जिगर से निकली हुई बात आखरी होगी ।।
थक गया हूं मैं रोज-रोज याद करके तुम्हें।
कब मेरे दिल में तेरी याद आखिरी होगी ।।
मेरे हो जाओगे इक रोज भरोसा है मुझे।
मुझपे तब गम की ये बरसात आखिरी होगी ।।
कि जिस भी रोज मौत बन गई मेरी दुल्हन ।
जिंदगी से मेरी मुलाकात आखिरी होगी ।।
जिस दिन मेरी कलम तुमसे ऊब जाएगी।
मेरी लिखी हुई किताब आखिरी होगी।।
तुम्हें भुलाके ये दिल तोहफा तो देदे मुझको ।
पर 'रघुवंशी' वो सौगात आखिरी होगी ।।
रघुवंशी ✍️
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