फोटोग्राफी, पिनहोल कैमरा की समझ D.El.Ed. 2nd Year S-3. B.S.E.B. Patna. Video Link:- https://www.youtube.com/watch?v=eJuecUnpvCQ
Technique of Photography D.El.Ed.2nd Year S-3, Unit-2 B.S.E.B. Patna. Video Link:- https://www.youtube.com/watch?v=SVA73GVsGro
Photography शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों फोटो(Photo) और ग्राफ्स(Graphos) का युग्म शब्द है। जिसमें Photo का अर्थ प्रकाश और Graphos का होता है चित्र या बिंदु रेखा। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि प्रकाश द्वारा बिंदुओं से चित्रण अर्थात प्रकाश द्वारा अंकन छायांकन (Photography) कहलाता है।
यह माना जाता है कि प्रथम फोटोग्राफ का निर्माण चीनी साहित्यकार मोती ने पांचवीं सदी में किया था। दीवार के एक छोटे छिद्र द्वारा सूर्य के प्रकाश से वस्तु का परिवर्तित रूप (प्रतिबिंब) सामने दीवार पर दिखाई दिया तो उसी से प्रेरणा पाकर उन्होंने पिनहोल कैमरा का निर्माण किया।
Pinhole Camera
चित्रकार लियोनार्दो डा विंची ने इस कैमरे पर शोध कार्य कर इसका विकास किया। 1558 ईस्वी में कैमरे में उत्तल लेंस का प्रयोग प्रारंभ हुआ। जर्मन रसायनशास्त्री जोहन शुल्ज (Johann Schulze) ने सन 1725 में प्रथम बार प्रकाश संवेदी सिल्वर नाइट्रेट (Silver Nitrate) के घोल का निर्माण किया तथा उसके ऊपर प्रकाश डालकर छवि को उदभासित (expose) किया लेकिन वह उसे स्थायी नहीं कर सका। सन 1839 में टॉलबॉट ने कागज की नकारात्मक (Negative) छवि से दूसरे कागज पर उसका सकारात्मक (Positive) फोटोग्राफ बनाया। टॉलबॉट के इस अविष्कार का सर जॉन हर्शल ने Negative एवं Positive नाम से नामकरण किया तथा चित्र निर्माण की इस पद्धति को फोटोग्राफी नाम दिया गया।
स्मरणीय (Rememberable)
- प्रथम कैमरे का निर्माण:- इब्न अल हेथम इराक के वैज्ञानिक थे। इन्होंने ऑब्स्कुरा (Obscura) कैमरा बनाया था।
- प्रथम रोल फिल्म का निर्माण:- जॉर्ज ईस्टमैन
- प्रथम व्यवसायिक रंगीन फिल्म का निर्माण:- लूमीरे बंधु
- प्रथम 35mm कैमरे का निर्माण:- ऑस्कर बरनैक
- प्रथम पोलाराइड कैमरे का निर्माण:- डॉक्टर एडविन एच
Note:- पोलाराइड कैमरे को आमिर खान की फिल्म गजनी जो कि 2008 में आई थी उसमें दिखाया गया है।
- भारत में पहला फोटो स्टूडियो:- कोलकाता में (1849)
- भारत में दूसरा फोटो स्टूडियो:- मुंबई (1850)
- भारत के पहले व्यवसायिक फोटोग्राफर:- राजा लाला दीनदयाल
- भारत की पहली महिला फोटोग्राफर:- होमी व्यरावाला (First Lady of the lens)
(छायांकन की विभिन्न तकनीकी) Technique of photography
छायांकन की अनेक तकनीके हैं जिनका प्रयोग करके हम छायांकन में विभिन्न प्रयोग डाल सकते हैं।
- Multi Exposure:- छायांकन में एक ही नेगेटिव को एक वस्तु से या अलग-अलग वस्तुओं से एक और अधिक बार Expose करना, Multi Exposure (अनावरण) कहलाता है।
- Long Exposure:- इसका प्रयोग कम रोशनी या रात्रि के समय आतिशबाजी और बिजली चमकने की फोटोग्राफी के लिए किया जाता है।
- Panorama:- गतिशील विषय-वस्तु को एक्सपोज करते समय कैमरे द्वारा वस्तु का पीछा करना अर्थात वस्तु की गति के अनुसार कैमरे को वस्तु के साथ घुमाते हुए फोटोग्राफी करना, पैनिंग कहलाता है। इस तकनीक द्वारा ली गई फोटोग्राफ में वस्तु की पृष्ठभूमि धुंधली एवं गतिशील दिखाई देती है।
- Fill in Flash:-Fill in Flash प्रक्रिया द्वारा प्राकृतिक प्रकाश में फोटोग्राफी करते समय विषय वस्तु के कुछ भागों पर पड़ने वाली छाया के प्रभाव को फ़्लैश के प्रयोग से हटाया जाता है। जिससे वस्तु का छाया वाला भाग भी स्पष्ट दिखाई देता है।