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मंगलवार, 31 दिसंबर 2024
वाल्मीकि रामायण भाग - 44 (Valmiki Ramayana Part - 44)
सोमवार, 30 दिसंबर 2024
किसी को Beautiful बोलेने के कुछ शानदार वाक्य।
I have never seen anyone as beautiful as you !! (मैने आज तक आप जैसा खूबसूरत कोई नहीं देखा !!)
I can't take my eyes off you !! (मै अपनी नजरें आप पर से हटा नहीं पा रहा !!)
You are so adorable !! (आप बहूत प्यारी हो !!)
𒊹︎︎︎The feeling is Mutual ! (हम दोनो की feelings एक जैसी हैं !)
𒊹︎︎︎Same applies to you ! (यह चीज़ आप पर भी लागू होती हैं !)
𒊹︎︎︎Right back to you ! (जो चीज़ आपने कही ,वो आपके लिए भी बोलता हूँ !)
𒊹︎︎︎You too!!! (आपको भी!!!)
𒊹︎︎︎You stole my greeting ! (जो बात मै बोलना चाहता था, वो आपने बोल दी !)
𒊹︎︎︎Hats Off !! (बहुत बढिया !!)
𒊹︎︎︎You did it!! (आपने कर दिखाया !!)
𒊹︎︎︎Well done!! (शाबाश !!)
𒊹︎︎︎Keep up the good work !! (अच्छा काम करते रहो !!)
𒊹︎︎︎Sensational !! (शानदार !!)
𒊹︎︎︎You have got it !! (तुमने यह पा लिया !!)
🟣 I Love you !! (मै आपसे प्यार करता हूँ !!)
🟣 I like you !! (मै आपको पसंद करता हूँ !!)
🟣 I wanna be your !! (मै तुम्हारा होना चाहता हूँ!!)
🟣 I am your !! (मै तुम्हारा हूँ !!)
🟣 You are mine!! (तुम मेरी हो !!)
🟣 You are my life !! (तुम मेरी जिंदगी हो !!)
🟣 I am always with you !! (मै हमेशा तुम्हारे साथ हूँ !!)
1. OFFENSIVE (ADJECTIVE): (आपत्तिजनक):- insulting
Synonyms: rude, derogatory
Antonyms: complimentary
Example Sentence:- The allegations made are deeply offensive to us.
2. FLAWED (ADJECTIVE): (त्रुटिपूर्ण):- Unsound
Synonyms: defective, faulty
Antonyms: sound
Example Sentence:- It was absolutely a fatally flawed strategy.
3 .HUDDLE (VERB): (भीड़ लगाना):- Crowd
Synonyms: gather, throng
Antonyms: disperse
Example Sentence:- They huddled together for ensuring warmth.
4. AMBITIOUS (ADJECTIVE): (महत्वाकांक्षी):- Aspiring
Synonyms: determined, forceful
Antonyms: unambitious
Example Sentence:
She is a typical ambitious workaholic.
5. INNATE (ADJECTIVE): (जन्मजात):- Inborn
Synonyms: natural, inbred
Antonyms: acquired
Example Sentence:- Her innate capacity for organization.
6. DISPENSE (VERB) (मुक्त होना):- Waive
Synonyms: omit, drop
Antonyms: include
Example Sentence:
Let's dispense with the formalities, shall we?"
7. BARBARIC (ADJECTIVE): (निर्दयी):- Cruel
Synonyms: brutal, barbarous
Antonyms: benevolent
Example Sentence:
He carried out barbaric acts in the name of war.
8. GARGANTUAN (ADJECTIVE): (विशाल):- Enormous
Synonyms: massive, huge
Antonyms: tiny
Example Sentence:- Tigers and lions have a gargantuan appetite.
9. COMPLACENT (ADJECTIVE):- (आत्मसंतुष्ट):- Smug
Synonyms: self-satisfied, self-approving
Antonyms: dissatisfied
Example Sentence:- You can't afford to be complacent about security.
10. SLOPPY (ADJECTIVE): (लापरवाह):- Careless
Synonyms: slapdash, slipshod
Antonyms: careful
Example Sentence:- We gave away a goal through sloppy defending
अपनी निगाहों से ऐसे इशारा ना कीजिये...
अपनी निगाहों से ऐसे इशारा ना कीजिये।
सरेआम हमको यूं निहारा न कीजिये।।
मानते हैं हम हैं थोड़े बेफिक्र से।
बार-बार यूं हमें उकसाया ना कीजिये।।
ज़िंदगी का बसर नामुमकिन है आप बिन।
यूँ मझधार में मुझको किनारा न कीजिये ।।
जिसे फूल जैसी नज़र कर दे घायल।
उसे ईंट पत्थर से मारा न कीजिये ।।
लुटा दो भले आप जागीर सारी।
मगर दिल मुहब्बत में हारा न कीजिये ।।
चुभने लगे जिंदगी में जब कुछ रिश्ते।
गुजारिश है उसको पुकारा न कीजिये ।।
बने होंगे जो तेरे लिये वह आएंगे एक दिन।
मोहब्बत से यूं रोज बुलाया ना कीजिए ।।
विश्वजीत कुमार ✍🏻
रविवार, 29 दिसंबर 2024
स्त्री
जो पढ़ना जानती थी,
वे प्रेम-पत्रों💌 से ठगी गई।
जो नहीं जानती थी,
वे एक जोड़ी झुमकों से।
चटोरपन की मारी,
एक प्लेट चाऊमिन से।
तेरे हाथों में स्वाद है,
सुनकर ठगी गई वे सारी।
जो पढ़कर भी पकड़ नहीं पाई,
इतिहास का सबसे बड़ा झूठ।
प्रेम में केवल ईश्वर को,
साक्षी मानने वाली।
एक चुराई अलसाई दोपहरी में मिले,
एक चुटकी सिंदूर से ठगी गई।
घर-बाहर दोनों संभालने वाली,
चाभियों के एक अदद गुच्छे से...
ठगी की मारी ये सारी की सारी,
तब-तक खिली रही जब-तक...
प्रेम का वृक्ष ठूंठ हो,
उनकी देह के साथ नहीं जला।
-सुजाता✍️
अंदाज़ लगाना चाहता था.....
मैने अपनी यात्राओं ✈️ की लिस्ट थमा दी।
विश्वजीत कुमार✍️
शुक्रवार, 27 दिसंबर 2024
सरेआम हमें यूँ ईशारा न कीजिए।
सरेआम हमें यूँ,
ईशारा न कीजिए।
नजरें झुका के हमको,
निहारा न कीजिए।
हर बार मुकम्मल,
कहां किसी का ख्याल हुआ है।
हर जगह तीर-ए-तुक्के,
यूँ मारा न कीजिए।
बचपन के तसव्वुर से है,
बिल्कुल अलग ये जहां।
जीवन की हकीकत से,
यूँ किनारा न कीजिए ।
पैदा हुए, पले बढ़े हो,
इस जमीन में।
पा कर बुलन्दियों को,
हमें यूँ भूलाया न कीजिए ।
शायर हो ठीक-ठाक,
परन्तु इंसान बुरे हो।
इस बात को आप,
नकारा न कीजिए।
चलो मान लिया,
वक्त नहीं है आपके पास।
लेकिन गैरो को तो,
यूँ निहारा न कीजिये।
दुःख होता है,
आपको मौन देख के।
कभी तो मेरे लिए,
मुस्कुराया☺️ तो कीजिये।
सरेआम हमें यूँ,
ईशारा न कीजिए।
नजरें झुका के हमको,
निहारा न कीजिए।
विश्वजीत कुमार
गुरुवार, 12 दिसंबर 2024
माफ करो मुझको देवी, मैं प्यार नहीं दे पाऊंगा !!!
तू कंप्यूटर युग की छोरी, मन की काली तन की गोरी !
किंतु तुम्हें मैं अपनी बाहों का, गलहार नहीं दे पाऊंगा !
तू माफ करो मुझको देवी, मैं प्यार नहीं दे पाऊंगा !!
तुम फैशन टीवी की चैनल, मैं संस्कार का चैनल हूं !
तुम मिनरल वाटर की बोतल, मैं गंगा का पावन जल हूं !!
तुम लक्ज़री कार में चलती हो, मैं पाँव-पाँव चलने वाला !
तुम हाय हेलो में पली बढ़ी, मैं दीपक सा जलने वाला !!
वो चमक-दमक वाला तुमको, संसार नहीं दे पाऊंगा !
तू माफ करो मुझको देवी, मैं प्यार नहीं दे पाऊंगा !!
तुम रैंप पर देह दिखाती हो, मैं संस्कार को जीता हूं !
जब तुम्हें देखकर सिटी बजता, मैं घुट लहू का पीता हूं !!
तुम सदा स्वप्न में जीती हो, मैं यथार्थ में जीने वाला !
तुम बियर व्हिस्की पीती हो, मैं हूं मट्ठा पीने वाला !!
तुम्हें फास्ट फूड भी मैं हर बार नहीं दे पाऊंगा !
तू माफ करो मुझको देवी, मैं प्यार नहीं दे पाऊंगा !!
तुम क्लॉक अलार्म सी नजरों में, मैं कॉक वार्न से जगता हूं !
तुम डिस्को की धुन पर नाचो, मैं राम नाम ही जपता हूं !!
तुम डैडी को अब डैड कहो, मम्मी को मॉम बताती हो !
तुम करवा चौथ भूल बैठी, डे वेलेंटाइन मनाती हो !!
मैं तुम्हें तुम्हारे सपनों का, त्यौहार नहीं दे पाऊंगा !
तू माफ करो मुझको देवी, मैं प्यार नहीं दे पाऊंगा !!
तुम पॉप म्यूजिक सुनने वाली, मैं बंसी की धुन की धुनिया !
मैं लैपटॉप भी ना रखता , तुम इंटरनेटी की दुनिया !!
तुम मोबाइल की मैसेज सी, मैं पोस्टकार्ड लिखने वाला !
तुम टेडी बीयर सी लगती, मैं गुब्बारे सा उड़ने वाला !!
मैं भौतिकवादी सुख साधन का, संसार नहीं दे पाऊंगा !
तू माफ करो मुझको देवी, मैं प्यार नहीं दे पाऊंगा !!
नीतीश कुमार✍️
बुधवार, 11 दिसंबर 2024
जब केहू दिल💕 में उतरs जाला।
मुरझाईल फूलवा🥀, लागे ला महके🌹,
चंचल चिरईया मन के लागे ले चहके🐥।
दीया, मन में पिरितिया के जर🪔 जाला,
जब केहू दिल💓 में उतरs जाला।
नीक नहीं लागे ला केहू के बतिया🗣️,
हर जगे लउके बस उहे सुरतिया👱🏻♀️।
दोसरा में बस जाला, आपन प्राणवाँ🥰।
जियरा ना माने ला अपने कहानवाँ,
केतना आस मन के घवद पर फर जाला,
जब केहू दिल💓 में उतरs जाला।
आसान नाही होला, ई नेहिया💕 के काम।
सुख-चैन सब कुछ, हो जाला नीलाम।
लागे ना भूख-प्यास, कौनो भी बेला।
लोग अपने ही घर में, हो जाला अकेला🥲।
नैन हँसते-हँसते, लोरवा😢 से भर जाला.
जब केहू दिल💓 में उतरs जाला।
साभार - सोशल मीडिया
शुक्रवार, 29 नवंबर 2024
शायद!!!! हर लड़कों की कहानी से जुड़ी कविता....
कन्या एक कुंवारी थी, |
छू लो तो चिंगारी थी।
वैसे तो तेज कटारी थी,
लेकिन मन की प्यारी🤗 थी।
सखियों से बतियाती थी,
लड़को से घबराती थी।
मुझसे कुछ शर्माती थी,
बस से कॉलेज आती थी।
अंतर्मन डिस्क्लोज😍 किया,
एक दिन उसे प्रपोज🥰 किया।
पहले वह नाराज हुई तबीयत सी ना-साज हुई,
फिर बोली - अभी यह ठीक नहीं!!! अपनी ऐसी रीत नहीं।
लिखने-पढ़ने के दिन है,
आगे बढ़ने के दिन है।
यह बातें फिर कर लेंगे,
इश्क-मोहब्बत👩🏻❤️👨🏼 फिर कर लेंगे।
अभी ना मन को हिट करो,
पहले एम.एफ.ए (M. F.A.) तो कंप्लीट करो।
उसने यू रिस्पांस किया,
प्रपोजल को पोस्टपोन किया।
हमने भी हिम्मत नहीं हारी,
मन में ऊर्जा नई भरी।
रात-रात भर पढ़-पढ़ कर,
नई इबादत गढ़-गढ़ कर।
ऐसा सबको शॉक्ड दिया,
मैंने कॉलेज टॉप🏆 किया।
अब तो मूड🤩 सुहाना था,
उसने मन भी जाना था।
लेकिन उसका राग पुराना था,
फिर एक नया बहाना था।
जॉब करो कोई ढंग की,
फिर स्टेटस की नौटंकी।
कभी कास्ट का पेंच फंसा,
कभी बाप को नहीं जंचा।
थक कर रोज झमेले में,
सोनपुर के मेले में।
एक दिन जोश में आकर के,
कहां उसे जाकर के।
जो कह दोगी कर लूंगा,
कहो हिमालय चढ़ लूंगा।
लेकिन क्लियर बात करो,
ऐसे ना जज्बात हरो।
या तुम हां कह दो,
या साफ मना कर दो।
सुन कर कन्या मौन हुई,
हर चालाकी गौण हुई।
तभी नया छल कर लाई,
आँख में आशु😢 भर लाई।
हिम्मत को कर ढेर गई,
प्रण पर आशु फेर गई।
पुन: प्रपोजल बिट हुआ,
नखड़ा नया रिपीट हुआ।
थोड़ा सा तो वेट करो,
पहले पतला पेट🫄🏻 करो।
ज्वाइन कोई जिम💪🏻 कर लो,
तोंद ज़रा सी डीम कर लो।
खुश्बू🏵️ सी खिल जाउंगी,
मै तुमको मिल जाउंगी।
तीन साल का वादा कर,
निज क्षमता से ज्यादा कर।
हीरो जैसी बॉडी से,
देंसिंग वाले रौडी से।
बेहतर फिजिक्स बना ना लूँ,
छह:(06), छह:(06)🏋️♂️ पैक बना ना लूँ।
सूरत नहीं दिखाउंगा,
तुझको नहीं सताउंगा।
रात-रात भर श्रम कर के,
खाना-पीना कम कर के।
रुखी सुखी खा कर के,
सरपट दौड़🏃🏻 लगा कर के।
सोने सी काया कर ली,
फिर मन में नई उर्जा भर ली।
उसे ढूढ़ने निकल पड़ा,
किन्तु फिर प्रेम में खलल💔 पड़ा।
चुन्नी बांध के छल्ले में,
किसी और के गले में।
वह जूही की कली गई,
किसी और की गली गई।
शादी कर के चली गई,
हाय रे!!! किस्मत छली गई।
थका-थका, हारा-हारा,
हाय!!! मै बदकिस्मत बेचारा।
पल में दुनिया घुम लिया,
हर फंदे पर झूल गया।
अपने आशु 😢 पोछूँगा,
कभी मिलेगी तो पूछूँगा।
क्यों मेरा दिल💔 तोड़ गई,
प्यार जता कर छोड़ गई।
कुछ दिन बाद दिखाई दी,
वो आवाज़🌬️ सुनाई दी।
छोड़ा था नवचंडी में
पाई सब्जी मंडी में।
वो जो एक छड़हरी थी,
कंचन देह सुनहरी थी।
वो कितनी लिजी-लिजी मिली,
बार्गेनिग में बिजी मिली।
वो जो चहका करती थी,
हरदम महका करती थी।
अब दो की महतारी थी,
तीजे की तैयारी थी।
उलझे-उलझे बाल हुए,
बिखड़े-बिखड़े गाल हुए।
दिल के फूटे छालो ने,
इन बेढंगे हालो ने।
सपनो में विष घोला था,
एक हाथ में झोला था।
एक हाथ में मुली थी,
खुद भी फूली-फूली थी।
सब सुंदरता लूली थी,
आशा फाँसी झूली थी।
विधना के ये खेल कड़े,
देख रहा था खड़े-खड़े।
तभी अचानक सधे हुये,
दो बच्चों से लदे हुये।
चिक-चिक से कुछ थके हुये,
बाल वाल सब पक्के हुये।
एक अंकल जी प्रकट हुये,
दर्शन कितने विकट हुये।
बावन इंची (52") कमरा था,
इसी कली का भंवरा था।
बावन इंची (52") कमरा था,
इसी कली का भंवरा था।
तुफानों ने पाला था,
मुझसे ज्यादा काला🌚 था।
मुझसे अधिक उदास😕 था वो,
केवल दशवी पास था वो।
रानी साथ मदारी के,
फूटे भाग्य बेचारी के।
घूरे मेला लूट गये,
तितली के पर टूट गये।
रचा स्वयंवर वीरो का,
मंडप मांडा जीरो का।
आमलेट तवा पर फैल गई,
किस ख़ुशत के गैल गई।
बिना मिले वापस आया,
कई दिनों तक पछताया।
अब भी अक्सर रातों में,
कुछ गहरे जज्बातो में।
पिछली यादें ढोता हूँ,
सब से छिपकर रोता😭 हूँ।
मुझमें क्या कम था ईश्वर,
किस्मत में गम था ईश्वर।
अब भी आशू😢 बहते हैं,
शायद!!! भाग्य इसी को कहते हैं।
शायद!!! भाग्य इसी को कहते हैं।
शायद!!! भाग्य इसी को कहते हैं।
सभार - सोशल मीडिया।
मंगलवार, 26 नवंबर 2024
क्या होगा???
कलुआ के माई।👩🏻🍼
.....जानती हो, कभी-कभी हमार मन करेला कि तोहरा खातिर एगो चिट्ठी ✉️ लिखी✍🏻, लेकिन फिर सोचीला कि साला आपन दर्द उह पेपर पर कैसे लिख पाईब हम।😢
लेकिन खैर!!! छोड़s आज आपन मन के बाद कह ही देतs बानी।
सुनs हो कलुआ के माई,
जब से हम यहां आए हैं ना हमारा मन बिल्कुल नहीं लग रहा है इह साला शहर ही बड़ा अजीब है कोई किसी से बतियाता ही नहीं है, ससुर के नाती सब के सब दिन भर मोबाइल में घुसलs रहता हैं। काले एगो सवारी बैठा था रिक्शा पे, शायद उ दोनो पति-पत्नी थे, दुनो पूरे रास्ते कुछो ना बात किए पूरे रास्ते बस मोबाइल में देख रहे थे, जानती हो कलुआ की माई, इह शहरी दुनिया बहुते छोटी है जी, हम दिन भर में कम से कम रोज नए 50-100 आदमी से मिलते हैं कोई आदमी के चेहरे पर खुशी नजर नहीं आती है कोई फोन पर अपने मालिक से बतिया रहा होता है तो कोई अपने मेहरारू से कोई अपने दोस्त से बतिया रहा होता है तो कोई अपने काम से लेकिन इन सारे आदमियों में एक चीज सामान्य होती है यह सारे आदमी रो😢 रहे होते हैं।
तुमको याद है जी, जब हम तुमको पहला बार खिचड़ी के मेला में घुमाने के लिए छपरा ले गए थे उ हम तुमको पैदल लेकर आए थे याद है ना तुमको, पूरा चार मिल का रास्ता था उह, और उह ससुरा चार मिल के रास्ता में हम लोग घंटों बात किए थे,उसी रास्ता में तुम हमको बताई थी कि तुम्हारी सहेली कलावती है ना, (अरे उहे कलावती जिसका शादी त्रिलोकी शाह के नाती से हुआ था जिसकी बनारस में चाय की दुकान है वहीं वाला), उहो खिचड़ी के मेला में छपरा आने वाली है, और तुम हमको एक बात और बताई थी तुमको अनेरिया (अंधेरा) से बहुत डर लगता है, और साला हम तुमको पूरा रास्ता भूत-भूत👻 कहकर चिढ़ाते हुए आ रहे थे तुम गोलगप्पा भी खाई थी याद है ना!!! तुमको साला हम लोग कितना बतियाते हुए गए थे लेकिन जानती हो यहां के लोग बतियाते ही नहीं है।
इहा साला सब दौड़ रहे है जी, पता नहीं काहे दौड़ रहे हैं लेकिन सब दौड़ रहे हैं काल एगो 15 - 16 साल के लाइका और लाईकी रिक्शा पर आकर बैठे थे, बड़ा गंदा गंदा हरकत कर रहे थे सब, कुछो शर्म लाज नहीं है यहां के लोगों को, पता नहीं इनके माय बाप इनको का सिखाते हैं लेकिन हम इन सब बातों पर ध्यान नहीं देते हैं जानती हो उस सोनहन का रमेश पासवान का लाइका भी यही हमारे साथ ही रिक्शा चलता है कल ही उह एगो मोआबाइल खरीदा है उस पर ना अपनी मेहरारू से बतिया रहा था जी एकदम सामने देख रही थी वह हम उससे कहे हैं वो इतवार को तुमसे बात कराएगा हमारी, इतवार को हम फोनवा से ना वीडियो करेंगे।
ठीक है ना!!!
अच्छे से रहना ख्याल रखना अपना हम पैसा दिया करेंगे हर महीना, सुनो ना दुपहरिया हो रहा है थोड़ी देर सो लेते हैं अभी सवारी नहीं मिलती है बाद में विश्वविद्यालय तरफ जाना है, वहां से सवारी बहुत मिलती हैं।
ठीक है अब हम चलतें है।
तोहार
रामखेलावन✍🏻
साभार - सोशल मीडिया
बुधवार, 13 नवंबर 2024
अगर दुनिया में होता न मुहब्बत का फलसफ़ा...
अगर दुनिया🌎 में होता न मुहब्बत❤️ का फलसफ़ा।
सच मानिए होता न किसी से कोई खफ़ा😞 ।।
हमें इतना कहां है शऊर जानते हो तुम।
हमको नहीं पता है क्या होती है ये वफ़ा ।।
नुख्सा हर एक नाकाम है तुमको भुलाने का।
आजमा के खुद को देखा है हमने कई दफ़ा ।।
हमसे कोई न कीजिए उम्मीद वफ़ा की।
दुश्मनों के लिए हमें करना है सिर्फ जफ़ा ।।
हमने दुनिया में दिल क्या लगा लिया।
न जाने कितनी हम पे लगा दी गई दफ़ा ।।
3. वफ़ा (स्त्रीलिंग) - वचन पालना, निष्ठा, Manners.
मंगलवार, 12 नवंबर 2024
खोइंछा (Khoencha)
हमनी के बिहार में एगो विधि बा जवन महिला सशक्तिकरण के दिखावे ला या कह सक तानी की बेजोड़ नमूना बा। जब कवनो शादी भईल मेहरारू चाहे घर (मायके) से ससुराल जाली, चाहे ससुराल से घरे (मायके) जाली तब उनका के खोइंछा दिआला। खोइंचा के यदि परिभाषित कईल जाव तs कह सकत बानी की - चाउर के कुछ दाना, हरिहर दुभी के पत्तई, कुछ पईसा अवरी हल्दी। अब ई सब काहे दिहल जाला ऐकर एगो ना!!! और कई को कारण बतावल जाला। एगो तs ई कारण बा - जब कभी बेटी चाहे बहू घर से बाहर जाली तब उनका लागी की जवन उनका हाथ में ई जवन गठरी बा उ ओकर परिवार हां औरी उनके साथे जाता अउर ओकरा परिवार के कमी ना खली। ऐहीसे का होई कि उनका लागी की हमार परिवार हमरे साथे बा औरी उनका कबो परिवार के कमी ना महसूस होई।
दोसर कारण ई बतावल जाला की, ई जेतना चीज़ जैसे - चाउर के कुछ दाना, हरिहर दुभी, कुछ पईसा अवरी हल्दी इनका के दिआइल बा सबके कवनो ना कवनो मतलब बोला। चावल जवना के ई मतलब होखेला की बेटी के घर में कबो भी अन्न के कमी न होखे। पईसा ई बतावेला की बेटी के घर में कबो लक्ष्मी के कमी न होखे। जवन दुभ के पतई होखेला ऊ संजीवनी के दर्शावेला। संजीवनी यानी की अमृत। अवर जवन ऊ गांठ होखेला जेईमे ऊ सब के बांधल जाला ऊ ई दर्शावेला की जवन ई बेटी होली ऊ इन सब के आपस में जोड़ के रखेली जेकरा से पूरा घर आच्छा से चलेला। अवरी जवन ई काम बातें ऊ बस घर के बहू या बेटी ही कर सकs तारीs ई पूरा ब्यौरा हां, हमनी के यहां खोइंचा के.....
Idioms, phrases, and expressions in English with their Hindi translations:
Love and Relationships
1. "Love at first sight" - पहली नज़र में प्यार (Pehli nazar mein pyaar)
2. "Fall head over heels" - पूरी तरह से प्यार में पड़ना (Puri tarah se pyaar mein padna)
3. "Tie the knot" - शादी करना (Shaadi karna)
4. "Break someone's heart" - किसी का दिल तोड़ना (Kisi ka dil todna)
5. "Lovebirds" - प्रेमी जोड़ा (Premi joda)
Friendship
1. "Best buddies" - सबसे अच्छे दोस्त (Sabse achhe dost)
2. "BFF (Best Friends Forever)" - सबसे अच्छे दोस्त हमेशा के लिए (Sabse achhe dost hamesha ke liye)
3. "Friends forever" - दोस्त हमेशा के लिए (Dost hamesha ke liye)
4. "Lend a helping hand" - मदद करना (Madad karna)
5. "Stab in the back" - पीछे से वार करना (Peechhe se vaar karna)
Success
1. "Reach new heights" - नई ऊंचाइयों को छूना (Nayi unchaiyon ko chhuna)
2. "Make it big" - बड़ा बनना (Bada banana)
3. "Achieve greatness" - महानता हासिल करना (Mahanta haasil karna)
4. "Strike gold" - सोना पाना (Sona paana)
5. "On top of the world" - दुनिया के शीर्ष पर (Duniya ke shirsh par)
Failure
1. "Hit rock bottom" - सबसे निचले स्तर पर पहुंचना (Sabse nichle star par pahunchana)
2. "Fall flat" - पूरी तरह से विफल होना (Puri tarah se viphal hona)
3. "Go bankrupt" - दिवालिया होना (Diwaliya hona)
4. "Lose the battle" - लड़ाई हारना (Ladaai haarna)
5. "Miss the boat" - अवसर चूकना (Avsar chookna)
शनिवार, 9 नवंबर 2024
फिर कब आओगे....😢
अँचरा के कोर से आंखों की आंसू पोछते हुए मां बार-बार अपने बेटों की तरफ एक टक निहार रही थी कुछ बोल नहीं रही थी। दरवाजे पर ऑटो लग चुका था सामान लदा रहा था। दीपावली से लेकर छठ तक जो घर गुलजार था वीरान होने को तैयार था। एक साल के इंतजार के बाद जो बच्चे वापस अपने घर आए थे इतनी जल्दी चले जाएंगे इस बात का तनिक भी आभास मां को नहीं था। पर्व त्यौहार के धूम में अभी तो मन की बात मन ही में रह गई थी 10 साल से जो खेत बेटी के विवाह में बंधक था उसे भी तो छुड़ाना था पर बेटे को फुर्सत नहीं दोनों बेटे कहते थे छठ में आएंगे तो खेत छोडाएंगे पर आते ही जाने की हड़बड़ी है। अब यात्रा पर कैसे मां यह सब बात बोले। दोनों बहू बुदबुदा रही है आने में इतना खर्चा हो गया की तीन-चार महीने घर का बजट बिगड़ा रहेगा चार दिन के लिए कोई इतना खर्च नहीं कर सकता अगले साल से दिल्ली में ही छठ मन जाएगा। मां बेचारी चुपचाप सबकी बातों को सुन रही है बेटे जाने को तैयार है पर कभी अकेले में मां से नहीं पूछा -
उसका दर्द!!!
उसकी व्यथा!!!
उसकी वेदना!!!
मां सोच रही है कैसे इंसान बदल जाता है शहर की हवा ही खराब है या समय ही बदल गया है। छठी मैया के बहाने भले लोग गांव में लौट रहे हैं पर अब गांव में चार दिन भी रहना उन्हें गवारा नहीं।
यह कहानी किसी एक परिवार की नहीं बल्कि बिहार की उन लाखों करोड़ों परिवारों की है। नजदीक से दर्द देखने के बाद आत्मा कराह उठती है। जो माता-पिता अपना सब कुछ अपने बच्चों के लिए समर्पित कर देते हैं उनके बच्चों की नजर में मां-बाप गांव घर का कोई मूल्य नहीं सब कुछ बेकार लगता है बात-बात पर बच्चे बोलते हैं कि यहां क्या रखा है चलिए शहर में पर उन्हें कहां पता इस शरीर से आत्मा निकल जाए तो शरीर लाश हो जाती है.......
अनूप✍🏻
बुधवार, 6 नवंबर 2024
छठ पूजा (Chhath Puja)
छठ!!! कइसे बताईं कि का हऽ कवनो घर के ई केवाड़ी ना हऽ, कि खोल के देखा दी। ई छुपावे वाला भी ना हऽ कि परदा उठा के देखा दी।
ई तऽ भाव हऽ, माई के प्रति अपना बच्चा के।
ई तऽ प्रेम अउर श्रद्धा हऽ, आराध्य के प्रति आपन भक्त के।
जानतानी!!! जब कार्तिक माह में, छठ के गीत सुनाला, तऽ देहि के एक-एक रोवा हर्षित अउरी पुलकित हो जाला। कबो-कबो तो अनासे आंखों भर जाला। जब पोखरा, ताल, तलईया, नदी सब जगह साफ-सफाई होखे लागेला, तऽ अइसन लागेला कि साक्षात माई लक्ष्मी, छठ माई के दर्शन करे खातीर धरती पर आवतारी।
जब आंगन में, छत पर, डाढ़ा पर कौवा बोले लागेला, तब बुझा जाला कि माई खातिर दउरत केहू परदेश से आवता। का जाने कइसे ओह घरी मनवाँ में जवन मईल रहे ला नू, उहो धोवा के मन एकदम शुद्ध और पवित्र हो जाला। हरदी, अदरक, केला, सेव, नाशपाती, गागल, नारियल, अनारस, ऊखी (गन्ना), आँवला, शरीफा, अभरक, सब मिलके दउरा में अइसे सजेला जइसे सभे गर्व करत होखे कि, हम माई खातिर माई के साथे मिले जा तानी। लवंग, इलायची, छाक, पान-सोपाड़ी, कचवनिया, ठेकुआ, पूड़ी, चना सब एक दोसरा के सहयोग करत अइसन इतराले कि जइसे आज इहन लोग के ही दिन हऽ।
छठ माई अइसने किरपा सब जनमानस पर बनवले राखीं कि, सबके मन पवित्र, आत्मा शुद्ध, होत रहो आ सब एक साथ एक घाट पर बइठ के छठी माई अउर सुरूज नारायण स्वामी के ई महापर्व के मनावत रहो।🙏
जय छठी मईया.🙏
साभार - सोशल मीडिया
Chhath Puja
How can I tell you what Chhath is? It is not the door of a house that will be opened. It is not even going to hide that it will lift the veil.
It is the feeling, of the mother to her child.
It is the love and devotion of one's devotee to the adorable.
You know!!!, when in Kartik!!! When Chhath songs are sung, every hairs in the body becomes joyful and ecstatic. Sometimes my eyes are filled with tears. When ponds, lakes, rivers everywhere starts to be cleaned, it feels like Goddess Lakshmi is coming to earth to see Chhath Maai.
When the crow starts crowing in the courtyard, on the roof, on the tree, it is understood that someone is coming from abroad running for his mother. I don't know how the dirt in the mind at that time is washed away and the mind becomes completely pure and holy. Turmeric, ginger, banana, apple, pear, Gagal, coconut pomegranate, Ookhi (sugarcane), awara, sharifa, abharak, all fruits together decorate the daura as if everyone is proud that, I am going to meet Chhath Maai. Cloves, cardamom, chhak, pan-sopadi, kachwania, Thekua, pudi, gram all cooperate with each other as if today is their day.
May Chhath Maai keep such grace on all the people that, everyone's minds are holy, souls are pure, and all sit together at one ghat and celebrate this great festival of Chhath Maai and Suruj Narayan Swami.🙏
Jai Chhath Maiya.🙏
Source: Social Media