अगर दुनिया🌎 में होता न मुहब्बत❤️ का फलसफ़ा।
सच मानिए होता न किसी से कोई खफ़ा😞 ।।
हमें इतना कहां है शऊर जानते हो तुम।
हमको नहीं पता है क्या होती है ये वफ़ा ।।
नुख्सा हर एक नाकाम है तुमको भुलाने का।
आजमा के खुद को देखा है हमने कई दफ़ा ।।
हमसे कोई न कीजिए उम्मीद वफ़ा की।
दुश्मनों के लिए हमें करना है सिर्फ जफ़ा ।।
हमने दुनिया में दिल क्या लगा लिया।
न जाने कितनी हम पे लगा दी गई दफ़ा ।।
साभार - सोशल मीडिया
कविता में प्रयुक्त कुछ उर्दू के शब्दों के अर्थ -
1. फ़लसफ़ा (पुल्लिंग) - ज्ञान, विद्या, दर्शन शास्त्र, तर्क विद्या, Philosophy.
2. शऊर (पुल्लिंग) - तरीक़ा, ढंग, सामान्य योग्यता, Mannerliness3. वफ़ा (स्त्रीलिंग) - वचन पालना, निष्ठा, Manners.
4. जफ़ा (स्त्रीलिंग) - अत्याचार, ज़ुल्म, अन्याय पूर्ण कार्य।
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