.....जानती हो, कभी-कभी हमार मन करेला कि तोहरा खातिर एगो चिट्ठी ✉️ लिखी✍🏻, लेकिन फिर सोचीला कि साला आपन दर्द उह पेपर पर कैसे लिख पाईब हम।😢
लेकिन खैर!!! छोड़s आज आपन मन के बाद कह ही देतs बानी।
सुनs हो कलुआ के माई,
जब से हम यहां आए हैं ना हमारा मन बिल्कुल नहीं लग रहा है इह साला शहर ही बड़ा अजीब है कोई किसी से बतियाता ही नहीं है, ससुर के नाती सब के सब दिन भर मोबाइल में घुसलs रहता हैं। काले एगो सवारी बैठा था रिक्शा पे, शायद उ दोनो पति-पत्नी थे, दुनो पूरे रास्ते कुछो ना बात किए पूरे रास्ते बस मोबाइल में देख रहे थे, जानती हो कलुआ की माई, इह शहरी दुनिया बहुते छोटी है जी, हम दिन भर में कम से कम रोज नए 50-100 आदमी से मिलते हैं कोई आदमी के चेहरे पर खुशी नजर नहीं आती है कोई फोन पर अपने मालिक से बतिया रहा होता है तो कोई अपने मेहरारू से कोई अपने दोस्त से बतिया रहा होता है तो कोई अपने काम से लेकिन इन सारे आदमियों में एक चीज सामान्य होती है यह सारे आदमी रो😢 रहे होते हैं।
तुमको याद है जी, जब हम तुमको पहला बार खिचड़ी के मेला में घुमाने के लिए छपरा ले गए थे उ हम तुमको पैदल लेकर आए थे याद है ना तुमको, पूरा चार मिल का रास्ता था उह, और उह ससुरा चार मिल के रास्ता में हम लोग घंटों बात किए थे,उसी रास्ता में तुम हमको बताई थी कि तुम्हारी सहेली कलावती है ना, (अरे उहे कलावती जिसका शादी त्रिलोकी शाह के नाती से हुआ था जिसकी बनारस में चाय की दुकान है वहीं वाला), उहो खिचड़ी के मेला में छपरा आने वाली है, और तुम हमको एक बात और बताई थी तुमको अनेरिया (अंधेरा) से बहुत डर लगता है, और साला हम तुमको पूरा रास्ता भूत-भूत👻 कहकर चिढ़ाते हुए आ रहे थे तुम गोलगप्पा भी खाई थी याद है ना!!! तुमको साला हम लोग कितना बतियाते हुए गए थे लेकिन जानती हो यहां के लोग बतियाते ही नहीं है।
इहा साला सब दौड़ रहे है जी, पता नहीं काहे दौड़ रहे हैं लेकिन सब दौड़ रहे हैं काल एगो 15 - 16 साल के लाइका और लाईकी रिक्शा पर आकर बैठे थे, बड़ा गंदा गंदा हरकत कर रहे थे सब, कुछो शर्म लाज नहीं है यहां के लोगों को, पता नहीं इनके माय बाप इनको का सिखाते हैं लेकिन हम इन सब बातों पर ध्यान नहीं देते हैं जानती हो उस सोनहन का रमेश पासवान का लाइका भी यही हमारे साथ ही रिक्शा चलता है कल ही उह एगो मोआबाइल खरीदा है उस पर ना अपनी मेहरारू से बतिया रहा था जी एकदम सामने देख रही थी वह हम उससे कहे हैं वो इतवार को तुमसे बात कराएगा हमारी, इतवार को हम फोनवा से ना वीडियो करेंगे।
ठीक है ना!!!
अच्छे से रहना ख्याल रखना अपना हम पैसा दिया करेंगे हर महीना, सुनो ना दुपहरिया हो रहा है थोड़ी देर सो लेते हैं अभी सवारी नहीं मिलती है बाद में विश्वविद्यालय तरफ जाना है, वहां से सवारी बहुत मिलती हैं।
ठीक है अब हम चलतें है।
तोहार
रामखेलावन✍🏻
साभार - सोशल मीडिया
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