प्रेम🥰 में ये अनायास होता है क्यों,
जो नहीं उसका आभास होता है क्यों।
तोड़कर दिल💔 के सारे खुशी के महल💒,
वेदना का शिलान्यास⛰️ होता है क्यों।
जिंदगी पतझडों के शिकंजे में है,
दो घड़ी को मधुमास होता है क्यों।
आज भी मन💗 तो मेरा तेरे पास है,
ये बदन को ही वनवास🌲 होता है क्यों।
याद के इतने झिलमिल सितारे🌃 लिए,
एक ह्रदय का आकाश🌅 होता है क्यों।
एक जन्म की अधूरी मुलाकात💏 में,
सात जन्मों का विश्वास होता है क्यों।
मानता हूँ चरागों ने दम तोड़ दी,
फिर अचानक ये प्रकाश🌕 होता है क्यों।
फूल के इस उजड़ते चमन में चतर,
तितलियों का पुनर्वास होता है क्यों।
- चतर भदीरा✍️
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