टूटा जो मेरे दिल💔 का पट सिलेगा फिर न....
इस दुनिया से।
मुहब्बत का ये हमारा फूल🪷 खिलेगा फिर न....
इस दुनिया से।।
अगर मेरे हाल पे तुम्हें आए तरस तो खुद को समझाना,
तुम्हें यूँ चाहने वाला मिलेगा फिर न....
इस दुनिया से।।
प्यार का भरोसा टूटने से बचा लो तुम।
वफ़ा-ए-इश्क कोई करेगा न....
इस दुनिया से।।
ये कहकर🗣️ न ठुकराओ की बागी हुआ था मैं तेरे लिए,
मुहब्बत के लिए कोई लड़ेगा फिर न....
इस दुनिया से।।
मुजरिम-ए-इश्क होकर भी अगर बख्शा गया मुझको,
गुनाह-ए-इश्क से कोई डरेगा न...
फिर इस दुनिया से।।
टूटा जो मेरे दिल💔 का पट सिलेगा फिर न....
इस दुनिया से।
मुहब्बत का ये हमारा फूल🪷 खिलेगा फिर न....
इस दुनिया से।।
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