शनिवार, 1 जुलाई 2023

नम है मौसम🌧️ कहीं कोई तो रो😭 रहा होगा....



नम है मौसम🌧️ कहीं तो कोई रो😭 रहा होगा।

अपने अश्कों से वो रोज तकिया भिगो रहा होगा।।


भीनी-भीनी सी फिजाओं में घुली है खुशबू🌼 ।

प्रेम😍 के फूल का बीज कोई तो बो रहा होगा।।


इस तरह बेवजह का शोर🗣️ न कीजिए यहाँ ।

कोई दिनभर का थका-हारा सो रहा होगा।।


कोई उनको भी खबर कर दो ये जहां वालों।

कि तेरी याद में कोई अपना चैन खो रहा होगा।।


मानते हैं वो हैं बहुत मशगूल।

पता तो उनको भी चले दिल❤️ मेरा कितना बैचेन हुआ होगा।।


लेकिन तू यूं ही गुनाह रोज कर मलाल न कर।

तेरा कोई हर गुनाह लहू से धो रहा होगा।।


एक तुमको ही गम-ए-इश्क🥰 नहीं 'विश्वजीत' ।

और भी कोई गम में तेरे रोज नयनों को सराबोर😭 कर रहा होगा।।



साभार - सोशल मीडिया

Edit  & Modified - विश्वजीत कुमार✍️

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