गजल
सितम ये बेवफाई का गंवारा कर लिया हमने।
मुहब्बत😍 के बजार में ख़सारा कर लिया हमने।।
भला गम दर्द का कब तक हम ज़माने के सहते रहे।
उन्हें भूला सके इसलिए मयखाने🍻 का सहारा कर लिया हमनें।।
कब तक मनाते शोक😢 हम रिश्तो का इसलिए।
किनारा करने वालो से किनारा कर लिया हमने।।
लबो पर खेलती थी जो तब्बसुम की बिजलीयाँ।
रहें खामोश सदा से किनारा कर लिया हमने।।
मचलता है कहर दिल❤️ में, तुम्हारी बेवफाई से।
धड़कते दिल को शोला,🔥 शरारा कर लिया हमने।।
बिना उसके नहीं कोई भी महफिल काम की।
जुदा होकर अकेला ही गुजारा कर लिया हमने।।
गजल में प्रयुक्त कुछ उर्दू शब्दों के अर्थ -
ख़सारा (पुल्लिंग) - नुकसान, हानि, घाटा (जैसे—ख़सारा उठाना)Reference - Brijesh sinha sagar
Edit & Modified - Bishwajeet Kumar
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