गुरुवार, 18 मई 2023

वह लड़की अब पराई हो चुकी है। Wo ladakee ab paraee ho chukee hai.




यही तक थी मेरी उसकी कहानी,

दहक के हो चुकी है आग-पानी।

अधर में सारे सपने जा चुके हैं,

निमंत्रण पत्र छपने जा चुके हैं,

बजे-बाजे सगाई हो चुकी है,

वो लड़की अब पराई हो चुकी है।




पता ससुराल का सखियों ने पूछा

तो बोली वो महल जो सबसे ऊंचा

कोई "इंजीनियर" है वो सुना है

जो मुझसे हैसियत में दश गुणा है।

बड़ी कोठी है लंबी कार भी है

किसी मंत्री का रिश्तेदार भी है।

मेरी छोटी सी दुनिया में वो रहती

तो मेरे जैसे ही दुख-दर्द सहती।

मिली हर चीज जो थी उसके काबिल

मैं देता भी तो क्या, मामूली सा दिल💗

दिल-विल से रिहाई हो चुकी है।

वो लड़की अब पराई हो चुकी है।




हथेली पर वो मेरा नाम लिखती

हजारों बार सुबह-शाम लिखती

कोई धुन गुनगुना के झूम लेती

वो अपने हाथ खुद ही चूम लेती।

मगर इसमें तो कोई शक नहीं हैं।

मोहब्बत मुफलिसों का हक नहीं है।

वो उंगली जब मेरे हाथों से छूटी

पहन ली उसने हीरे की अंगूठी

हथेली वो पिया से जा जुड़ी है।

सुना मेहंदी बड़ी गहरी चढ़ी है।

बड़ी लंबी जुदाई हो चुकी है,

वो लड़की अब पराई हो चुकी है।



मनोज मुंतशिर




Yahi Tak Thi Meri Uski Kahani 
Dahak Kar Ho Chuki Hai Aag Pani 
Adhar Me Sare Sapane Ja Chuke Hai 
Nimantran Patra Chhapane Ja Chuke Hai 
Baje Baaja, Sagai Ho Chuki Hai 
Wo Ladki Ab Parai Ho Chuki Hai 

Pata Sasural Ka Sakhiyo Ne Puchha 
To Boli Wo Mahal Jo Sabse Uncha 
Koi Engineer Hai Wo Suna Hai 
Jo Mujhse Haisiyat Me Das Guna Hai 
Badi Kothi Hai Lambi Car Bhi Hai 
Kisi Mantri Ka Ristedar Bhi Hai 
Meri Chhoti Si Duniya Me Wo Rahati 
To Mere Jaise Hi Dukh Dard Sahati 
Mili Har Cheez Jo Thi Uske Qabil 
Mai Deta Bi To Kya, Mamooli Sa Dil❤️ 
Ki Dil-Wil Se Rihayi Ho Chuki Hai 
Wo Ladki Ab Parai Ho Chuki Hai 

Hatheli Par Wo Mera Nam Likhati 
Hajaro Baar, Subah-Sham Likhati 
Koi Dhun Gungana Ke Jhoom Leti 
Wo Apane Hath Khud Hi Choom Leti 
Magar Esme To Koi Shak Nahi Hai 
Mohbbat Muflison Ka Haq Nahi Hai 
Wo Ungli Jab Mere Hathon Se Chhuti 
Pahan Li Usne Heere Ki Angoothi 
Hatheli Wo Piya Se Jaa Judi Hai 
Suna Mehndi Badi Gahari Chadi Hai 
Badi Lambi Judai Ho Chuki Hai 
Wo Ladki Ab Parai Ho Chuki Hai


Manoj Muntashir

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