शीर्षक पढ़कर आपको लग रहा होगा कि हम अपने पहले जन्मदिन🎂 की बात करने वाले हैं लेकिन शायद आप गलत है क्योंकि हमारे यहां तो जन्मदिन मनाने की प्रथा ही नहीं थी। थोड़े बड़े हुए तो जन्मदिन के दिन कुछ मिठाईया/समोसा लाकर ख़ुद खाकर एवं दूसरों को खिलाकर खुश हो जाया करते। घर पर ऐसा कुछ विशेष प्रबंध नहीं किया जाता। जब पटना में मेरा नामांकन कला एवं शिल्प महाविद्यालय में हुआ तब यहां देखते कि हर महीने जब किसी का बर्थडे होता तो बहुत ही धूमधाम से केक🎂 काट कर सभी लोग मनाते🥳। इन सभी से थोड़ा इंस्पायर होकर हम भी अपने बर्थडे के दिन जो मेरे खास दोस्त होते उनको मिठाई वगैरा खिलाते या फिर किसी होटल में पार्टी दे देते। यह सिलसिला यूं ही चलता रहा...
2017 में जब हम सहायक प्राध्यापक (Assistant Professor) के पद पर साईं कॉलेज ऑफ़ टीचर्स ट्रेनिंग ओनामा, बरबीघा शेखपुरा में ज्वाइन किए, तब जाकर के अपना बर्थडे मनाये थे लेकिन उस दिन भी केक नहीं काटे। बस महाविद्यालय के सभी स्टाफ एवं छात्रों को मिठाई एवं समोसा खिलाये थे। उसके बाद फिर यूँ ही बर्थडे आता और चला जाता। इस बार सोचे कि हम जब NIFT में हैं तो क्यों ना जन्मदिन🎂 को अच्छे से मनाया जाए इसके लिए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखें और शेयर कर दिये। नीचे दिए गए लिंक से आप पोस्ट को देख सकते हैं 👇🏻
सुबह में जब Gym में गए तो अपने पूर्व के आदत के अनुसार कुछ मिठाइयां लेते गए थे। वहां के हमारे व्यामशाला प्रशिक्षक (Gym Trainer) विराट जी को मेरे जन्मदिन के बारे में पता था क्योंकि उन्होंने मेरा व्हाट्सएप में स्टेटस देख लिया था जो कि मैंने सुबह 04:00 बजे का लगाया था। नितेश जी फटाफट उस समय ही केक लाने का प्रयास किये लेकिन इतनी सुबह दुकान नहीं खुली थी फिर उन्होंने मुझसे अनुरोध किया कि सर आप शाम में आईएगा शाम में ही हमलोग आपका बर्थडे सेलिब्रेट करेंगे। मैंने भी सोचा की कोई इतना प्यार से अनुरोध कर रहा हैं तो मना नहीं करना चाहिए। हम शाम में आएंगे इस बात पर उन्हें सुनिश्चित कर वापस रूम पर आ गए।
NIFT-PATNA के परिसर में दिनभर सभी लोगों का शुभकामना 💐 सन्देश मुझे प्राप्त होता रहा। मैंने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। शाम में 05:30 में NIFT से निकले और आते समय कुछ टॉफ़ी लें लिये क्योंकि Birthday Boy को टॉफी बांटना चाहिए। 06:30 के आस-पास नितेश जी केक लेकर आए उस केक के ऊपर English में कुछ लिखा हुआ था। अमूमन केक पर Birthday Boy का नाम ही लिखा रहता है लेकिन इस पर केवल 03 ही अक्षर थे जबकी मेरे नाम में 10 शब्द है - BISHWAJEET पुन: देखे तो पता चला की Six लिखा है।
मै आश्चर्य में पड़ गया की ये केक के ऊपर क्या लिखवा कर लाये है। मैंने नितेश भैया से पूछा की ये केक पर क्या लिखवा लिए है ?
तब उन्होंने कहां - आरे !!! Sir लिखा है।
केक के ऊपर Sir लिखा हुआ था। यानी Birthday Sir का हैं।
...लिखने वाले ने भी क्या ख़ूब लिखा था उसने Sir को Six कर दिया था। खैर हम उनकी भावनाओं को समझे और केक काटने के लिए आगे बढ़े। ये मेरी ज़िन्दगी का पहला केक कटिंग समारोह था जो की वहां पर हो रहा था जहां कोई एक दुसरे को नही जानता था शिवाय नितीश भैया और विराट जी को छोड़कर क्योंकि हम सुबह के बैच में आते थे और ये समारोह शाम में हुआ। सबसे मजेदार प्रसंग तो तब हुआ जब केक काटने के बाद कोई उसे खाने वाला ही नही था, वजह यह थी की Gym के अंदर हर कोई अपने स्वास्थ्य को लेकर के कुछ ज्यादा ही सजग हो जाते है वहां भी सभी हो गये थे की केक में शुगर है हम नही खायेंगे। मै भी सोच रहा था की मेरा पहला केक कटिंग समारोह कैसा हो गया ? कोई केक खाने वाला ही नही है। खैर!!! फिर विराट जी ने सभी को बताया की थोड़ा सा खा सकते है उससे कोई दिक्कत नही होगा तब जाके कुछ लोगो ने खाया वो भी थोड़ा सा ही... जो केक बच गया था उसे मैंने नितेश भैया को बोला की आप इसे लेते जाइयेगा।
सोशल मीडिया पर तो बधाई🎉 देने वालो की होड़ मची हुई थी, मैंने भी सभी को धन्यवाद बोला। मेरा पहला केक कटिंग समारोह मन तो गया लेकिन अभी तक किसी ने भी Gift🎁वगैरा नही दिया था। अगले दिन जब कॉलेज में गए तब क्या देख रहे है की विनायक सर ने केक मंगाया है और उन्होंने हम सभी फैकल्टी के साथ हमसे दुबारा केक कटवाएं। वही हमें लग रहा था कभी एक भी नही और आज इतना सारा केक। शाम में अभिषेक रूम पर आया उसने एक डायरी और पेन मुझे दिया As a Gift🎁☺️.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें