मंगलवार, 4 फ़रवरी 2025

केवल दो रंग चुने हमने...



केवल दो रंग चुने हमने...


एक रंग तुम्हारे हंसने का, 

क रंग तुम्हारे रोने का।


केवल दो रंग चुने हमने...


 एक रंग तुम्हारे मिलने का, 

इक रंग तुम्हारे बिछड़ने का।


केवल दो रंग चुने हमने...


एक रंग तुम्हारे यौवन का,

एक रंग तुम्हारे बुढ़ापे का।


केवल दो रंग चुने हमने...


एक रंग तुम्हारे खिलखिलाने का,

एक रंग तुम्हारे गुस्साने का।


केवल दो रंग चुने हमने...


एक रंग तुम्हारे ख़ुशी का,

एक रंग तुम्हारे गम का।


केवल दो रंग चुने हमने...


एक रंग तुम्हारे पाने का,

एक रंग तुम्हारे खोने का।


केवल दो रंग चुने हमने...


एक रंग तुम्हारी सादगी का,

एक रंग तुम्हारी जटिलता का।


केवल दो रंग चुने हमने...


एक रंग तुम्हारी उन्नति का,

एक रंग तुम्हारी अवनती का।


केवल दो रंग चुने हमने...


एक रंग तुम्हारी सफलता का,

एक रंग तुम्हारी असफलता का।


केवल दो रंग चुने हमने...


एक रंग तुम्हारी जीत का,

एक रंग मेरी हार का।


केवल दो रंग चुने हमने...


एक रंग तुम्हारे आने का,

एक रंग तुम्हारे जाने का।


केवल दो रंग चुने हमने...


Bishwajeet Kumar✍️
Inspired by - Late Rajendra Rajan








कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें