बुधवार, 13 नवंबर 2024

अगर दुनिया में होता न मुहब्बत का फलसफ़ा...


अगर दुनिया🌎 में होता न मुहब्बत❤️ का फलसफ़ा। 

सच मानिए होता न किसी से कोई खफ़ा😞 ।।


हमें इतना कहां है शऊर जानते हो तुम। 

हमको नहीं पता है क्या होती है ये वफ़ा ।।


नुख्सा हर एक नाकाम है तुमको भुलाने का। 

आजमा के खुद को देखा है हमने कई दफ़ा ।।


हमसे कोई न कीजिए उम्मीद वफ़ा की। 

दुश्मनों के लिए हमें करना है सिर्फ जफ़ा ।।


हमने दुनिया में दिल क्या लगा लिया। 

न जाने कितनी हम पे लगा दी गई दफ़ा ।।



साभार - सोशल मीडिया

कविता में प्रयुक्त कुछ उर्दू के शब्दों के अर्थ -

1. फ़लसफ़ा (पुल्लिंग) - ज्ञान, विद्या, दर्शन शास्त्र, तर्क विद्या, Philosophy.
2. शऊर (पुल्लिंग) - तरीक़ा, ढंग, सामान्य योग्यता, Mannerliness
3. वफ़ा (स्त्रीलिंग) - वचन पालना, निष्ठा, Manners.
4. जफ़ा (स्त्रीलिंग) - अत्याचार, ज़ुल्म, अन्याय पूर्ण कार्य।

मंगलवार, 12 नवंबर 2024

खोइंछा (Khoencha)

खोइंछा

               हमनी के बिहार में एगो विधि बा जवन महिला सशक्तिकरण के दिखावे ला या कह सक तानी की बेजोड़ नमूना बा। जब कवनो शादी भईल मेहरारू चाहे घर (मायके) से ससुराल जाली, चाहे ससुराल से घरे (मायके) जाली तब उनका के खोइंछा दिआला। खोइंचा के यदि परिभाषित कईल जाव तs कह सकत बानी की - चाउर के कुछ दाना, हरिहर दुभी के पत्तई, कुछ पईसा अवरी हल्दी। अब ई सब काहे दिहल जाला ऐकर एगो ना!!! और कई को कारण बतावल जाला। एगो तs ई कारण बा  - जब कभी बेटी चाहे बहू घर से बाहर जाली तब उनका लागी की जवन उनका हाथ में ई जवन गठरी बा उ ओकर परिवार हां औरी उनके साथे जाता अउर ओकरा परिवार के कमी ना खली। ऐहीसे का होई कि उनका लागी की हमार परिवार हमरे साथे बा औरी उनका कबो परिवार के कमी ना महसूस होई।

       दोसर कारण ई बतावल जाला की, ई जेतना चीज़ जैसे  - चाउर के कुछ दाना, हरिहर दुभी, कुछ पईसा अवरी हल्दी इनका के दिआइल बा सबके कवनो ना कवनो मतलब बोला। चावल जवना के ई मतलब होखेला की बेटी के घर में कबो भी अन्न के कमी न होखे। पईसा ई बतावेला की बेटी के घर में कबो लक्ष्मी के कमी न होखे। जवन दुभ के पतई होखेला ऊ संजीवनी के दर्शावेला। संजीवनी यानी की अमृत। अवर जवन ऊ गांठ होखेला जेईमे ऊ सब के बांधल जाला ऊ ई दर्शावेला की जवन ई बेटी होली ऊ इन सब के आपस में जोड़ के रखेली जेकरा से पूरा घर आच्छा से चलेला। अवरी जवन ई काम बातें ऊ बस घर के बहू या बेटी ही कर सकs तारीs ई पूरा ब्यौरा हां, हमनी के यहां खोइंचा के.....

Idioms, phrases, and expressions in English with their Hindi translations:


Love and Relationships

1. "Love at first sight" - पहली नज़र में प्यार (Pehli nazar mein pyaar)

2. "Fall head over heels" - पूरी तरह से प्यार में पड़ना (Puri tarah se pyaar mein padna)

3. "Tie the knot" - शादी करना (Shaadi karna)

4. "Break someone's heart" - किसी का दिल तोड़ना (Kisi ka dil todna)

5. "Lovebirds" - प्रेमी जोड़ा (Premi joda)


Friendship

1. "Best buddies" - सबसे अच्छे दोस्त (Sabse achhe dost)

2. "BFF (Best Friends Forever)" - सबसे अच्छे दोस्त हमेशा के लिए (Sabse achhe dost hamesha ke liye)

3. "Friends forever" - दोस्त हमेशा के लिए (Dost hamesha ke liye)

4. "Lend a helping hand" - मदद करना (Madad karna)

5. "Stab in the back" - पीछे से वार करना (Peechhe se vaar karna)


Success

1. "Reach new heights" - नई ऊंचाइयों को छूना (Nayi unchaiyon ko chhuna)

2. "Make it big" - बड़ा बनना (Bada banana)

3. "Achieve greatness" - महानता हासिल करना (Mahanta haasil karna)

4. "Strike gold" - सोना पाना (Sona paana)

5. "On top of the world" - दुनिया के शीर्ष पर (Duniya ke shirsh par)


Failure



1. "Hit rock bottom" - सबसे निचले स्तर पर पहुंचना (Sabse nichle star par pahunchana)

2. "Fall flat" - पूरी तरह से विफल होना (Puri tarah se viphal hona)

3. "Go bankrupt" - दिवालिया होना (Diwaliya hona)

4. "Lose the battle" - लड़ाई हारना (Ladaai haarna)

5. "Miss the boat" - अवसर चूकना (Avsar chookna)

शनिवार, 9 नवंबर 2024

फिर कब आओगे....😢

 


      अँचरा के कोर से आंखों की आंसू पोछते हुए मां बार-बार अपने बेटों की तरफ एक टक निहार रही थी कुछ बोल नहीं रही थी। दरवाजे पर ऑटो लग चुका था सामान लदा रहा था। दीपावली से लेकर छठ तक जो घर गुलजार था वीरान होने को तैयार था। एक साल के इंतजार के बाद जो बच्चे वापस अपने घर आए थे इतनी जल्दी चले जाएंगे इस बात का तनिक भी आभास मां को नहीं था। पर्व त्यौहार के धूम में अभी तो मन की बात मन ही में रह गई थी 10 साल से जो खेत बेटी के विवाह में बंधक था उसे भी तो छुड़ाना था पर बेटे को फुर्सत नहीं दोनों बेटे कहते थे छठ में आएंगे तो खेत छोडाएंगे पर आते ही जाने की हड़बड़ी है। अब यात्रा पर कैसे मां यह सब बात बोले। दोनों बहू बुदबुदा रही है आने में इतना खर्चा हो गया की तीन-चार महीने घर का बजट बिगड़ा रहेगा चार दिन के लिए कोई इतना खर्च नहीं कर सकता अगले साल से दिल्ली में ही छठ मन जाएगा। मां बेचारी चुपचाप सबकी बातों को सुन रही है बेटे जाने को तैयार है पर कभी अकेले में मां से नहीं पूछा - 

उसका दर्द!!! 

उसकी व्यथा!!! 

उसकी वेदना!!!

     मां सोच रही है कैसे इंसान बदल जाता है शहर की हवा ही खराब है या समय ही बदल गया है। छठी मैया के बहाने भले लोग गांव में लौट रहे हैं पर अब गांव में चार दिन भी रहना उन्हें गवारा नहीं।


      यह कहानी किसी एक परिवार की नहीं बल्कि बिहार की उन लाखों करोड़ों परिवारों की है। नजदीक से दर्द देखने के बाद आत्मा कराह उठती है। जो माता-पिता अपना सब कुछ अपने बच्चों के लिए समर्पित कर देते हैं उनके बच्चों की नजर में मां-बाप गांव घर का कोई मूल्य नहीं सब कुछ बेकार लगता है बात-बात पर बच्चे बोलते हैं कि यहां क्या रखा है चलिए शहर में पर उन्हें कहां पता इस शरीर से आत्मा निकल जाए तो शरीर लाश हो जाती है.......


अनूप✍🏻

बुधवार, 6 नवंबर 2024

छठ पूजा (Chhath Puja)

छठ पूजा

      छठ!!! कइसे बताईं कि का ह कवनो घर के ई केवाड़ी ना ह, कि खोल के देखा दी। ई छुपावे वाला भी ना हऽ कि परदा उठा के देखा दी।


ई त भाव हऽ, माई के प्रति अपना बच्चा के। 

ई त प्रेम अउर श्रद्धा हऽ, आराध्य के प्रति आपन भक्त के। 


    जानतानी!!! जब कार्तिक माह में, छठ के गीत सुनाला, त देहि के एक-एक रोवा हर्षित अउरी पुलकित हो जाला। कबो-कबो तो अनासे आंखों भर जाला। जब पोखरा, ताल, तलईया, नदी सब जगह साफ-सफाई होखे लागेला, त अइसन लागेला कि साक्षात माई लक्ष्मी, छठ माई के दर्शन करे खातीर धरती पर आवतारी।


      जब आंगन में, छत पर, डाढ़ा पर कौवा बोले लागेला, तब बुझा जाला कि माई खातिर दउरत केहू परदेश से आवता। का जाने कइसे ओह घरी मनवाँ में जवन मईल रहे ला नू, उहो धोवा के मन एकदम शुद्ध और पवित्र हो जाला। हरदी, अदरक, केला, सेव, नाशपाती, गागल, नारियल, अनारस, ऊखी (गन्ना), आँवला, शरीफा, अभरक, सब मिलके दउरा में अइसे सजेला जइसे सभे गर्व करत होखे कि, हम माई खातिर माई के साथे मिले जा तानी। लवंग, इलायची, छाक, पान-सोपाड़ी, कचवनिया, ठेकुआ, पूड़ी, चना सब एक दोसरा के सहयोग करत अइसन इतराले कि जइसे आज इहन लोग के ही दिन ह


       छठ माई अइसने किरपा सब जनमानस पर बनवले राखीं कि, सबके मन पवित्र, आत्मा शुद्ध, होत रहो आ सब एक साथ एक घाट पर बइठ के छठी माई अउर सुरूज नारायण स्वामी के ई महापर्व के मनावत रहो।🙏


जय छठी मईया.🙏


साभार - सोशल मीडिया


Chhath Puja


       How can I tell you what Chhath is? It is not the door of a house that will be opened. It is not even going to hide that it will lift the veil. 


It is the feeling, of the mother to her child. 

It is the love and devotion of one's devotee to the adorable.


You know!!!, when in Kartik!!! When Chhath songs are sung, every hairs in the body becomes joyful and ecstatic. Sometimes my eyes are filled with tears. When ponds, lakes, rivers everywhere starts to be cleaned, it feels like Goddess Lakshmi is coming to earth to see Chhath Maai.


      When the crow starts crowing in the courtyard, on the roof, on the tree, it is understood that someone is coming from abroad running for his mother. I don't know how the dirt in the mind at that time is washed away and the mind becomes completely pure and holy. Turmeric, ginger, banana, apple, pear, Gagal, coconut pomegranate, Ookhi (sugarcane), awara, sharifa, abharak, all fruits together decorate the daura as if everyone is proud that, I am going to meet Chhath Maai. Cloves, cardamom, chhak, pan-sopadi, kachwania, Thekua, pudi, gram all cooperate with each other as if today is their day.

     May Chhath Maai keep such grace on all the people that, everyone's minds are holy, souls are pure, and all sit together at one ghat and celebrate this great festival of Chhath Maai and Suruj Narayan Swami.🙏


Jai Chhath Maiya.🙏


Source: Social Media