शनिवार, 18 मई 2024

लईका जब बिगड़े लागेला, तब ढेर चढ़ावल ना जाला।

 गांव के बुढ़ पुरनिया लोग एगो बरा निमन शिक्षा दे गईल। रउवा सभे पढ़ी...👨🏻‍💻



लईका जब बिगड़े लागेला,

तब ढेर चढ़ावल ना जाला।

जब काम बने लतीआवे से,

तब वेद पढ़ावल ना जाला।।


 शिवरात पचईया दुइये दिन,

नागिन🐍 के पूजा होखेला।

 बाकी हर दिन कुचल जाला,

नित दूध पियावल ना जाला।।


रऊरा अमृत बरसवला से,

गरकट गद्दारी ना छोड़ी -2

 मानेला ओल खटाई से,

गुड़ घी मिलावल ना जाला।।


 तु जीव-जंतु से प्यार करs,

बाकीर ई सीख जरूरी बा।

 बिच्छी🦂 के डंक बिना तूड़ले,

चुमल सुघरावल ना जाला।।


लईका जब बिगड़े लागेला,

तब ढेर चढ़ावल ना जाला।

जब काम बने लतीआवे से,

तब वेद पढ़ावल ना जाला।।

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