गुरुवार, 14 मार्च 2024

कच्छा-सरकल

हास्य



नाम लिखाईल कविवर के,

क्लास करे गईलन कालेज

पढ़े से अधिका कापी-कलम,

सब कुछ रखे लगले सहेज


अतिरिक्त विषय में देल रहे,

सबके आपन-आपन च्वाईस

सैनिक, विज्ञान पढ़ाई पढ़े के

सबलोग दे दिहल एडवाईस


चले लागल क्लास हफ्ता में,

अनुशासन के मिलल सीख

जवन जवन बतलावल गईल,

कापी पर कविवर लेले लीख


राईफल के जवन पार्ट-पुर्जा,

खोले जोड़ेके गईल बतावल

जवन पार्ट पहिले खोलाईल,

पाछे जोड़े के गईल बतावल


कविवर के सब लागल नीमन,

सबसे बढ़िया रही इहे नालेज 

जब लाग जाई सेना में नौकरी,

सफल हो जाई भेजल कालेज


भईल अचानक ट्रेनिंग एक दिन,

जे जल्दी से पोशाक उतार पाई

अधिका नम्बर तS मिलबे करी,

वार्षिकोत्सव में इनाम मिल जाई


कविवर हड़बड़ में ड्रेस उतरले,

खुशी के लागल पहाड़े भरकल

प्रथम अईले ताली गड़गड़ाईल,

पैंट के साथ ही कच्छा-सरकल


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