स्वास्थ्य शिक्षा का उद्देश्य, D.El.Ed. 2nd Year. S- 5, Unit- 4. B.S.E.B. Patna. Video Link:- https://www.youtube.com/watch?v=pMnnlznibE4&t=1s
स्वास्थ्य शिक्षा का ज्ञान हर स्तर के व्यक्तियो को प्राप्त करना चाहिए। लेकिन इसका महत्व विद्यालयो में और अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि छोटे-छोटे बच्चों पर ही देश और पूरे समाज का भावी जीवन निर्भर करता है। बच्चे अपने स्वास्थ्य की तब तक देखरेख नहीं करते जब तक उन्हें अपने शरीर की रचना के बारे में ज्ञात न हो जाये। शरीर रचना शास्त्र के द्वारा बच्चों को शरीर संरचना के बारे में बताना चाहिए। यह कार्य स्वास्थ्य विज्ञान के अंतर्गत आता है। स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करने के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:-
- छात्रों को इस प्रकार की शिक्षा प्रदान करना जिससे कि वे स्वास्थ्य के प्रमुख नियमों को समझ सके तथा अपना शारीरिक विकास भलीभांति कर सकें।
- छात्रों को स्वास्थ्य की रक्षा के उपाय बताना
- छात्रों को शारीरिक संरचना की प्राथमिक एवं सामान्य जानकारी प्रदान करना।
- संक्रामक रोगों (Infectious Diseases) के कारण एवं बचाव के उपायो को बताना।
- छात्रों को सामान्य रोगों की जानकारी एवं उनसे बचाव एवं प्राथमिक उपचार की जानकारी देना।
- प्राथमिक उपचार की विधि एवं प्राथमिक उपचार के पश्चात कार्यवाही की जानकारी देना।
- छात्रों को व्यक्तिगत स्वच्छता की जानकारी देना एवं उन्हें संक्रामक रोगों से बचाना।
- छात्रों के माध्यम से उनके अभिभावकों को स्वास्थ्य, सफाई, इत्यादि। की जानकारी देना।
- एक स्वस्थ एवं साफ-सुथरे समाज की स्थापना करना।
- छात्रों को बुरी आदतों से बचाना उन्हें बताना कि धूम्रपान इत्यादि के आदतो से क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं।
- विभिन्न प्रकार के खेलों के द्वारा स्वास्थ्य की क्रियाओं को बताना जिससे कि छात्रों में सामाजिकता की भावना का विकास हो सके।
- एक स्वच्छ एवं स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करना।
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