शनिवार, 25 जुलाई 2020

स्वास्थ्य शिक्षा की समझ (Understanding of health education)


स्वास्थ्य शिक्षा की समझ, D.El.Ed.2nd Year. S-5, Unit-4. B.S.E.B. Patna. Video Link:-  https://www.youtube.com/watch?v=hxkui7iY3KM&list=PL9TVIXFOxWRpSp3RUoCwb9_xCs4St1QPM&index=17


        स्वास्थ्य शिक्षा वह शिक्षा है जिसके अध्ययन के उपरांत व्यक्ति स्वयं को स्वस्थ रख सकता है। और अपनी पूरी क्षमताओ का भरपूर उपयोग कर सकता है।

      हमारे ऋषि मुनि शरीर रचना (Body Structure, Anatomy) से भलीभांति परिचित थे और स्वयं को स्वस्थ कैसे रखा जाता है? वह अच्छी तरह जानते थे। वे सभी यह भी जानते थे कि स्वस्थ शरीर से ही जीवन की यात्रा सुखमय एवं आनंदमय पूरी की जा सकती है। ऐसी विद्या/ज्ञान को ही स्वास्थ्य शिक्षा कहते हैं।

Note:- लैटिन भाषा में 'स्वास्थ्य शिक्षा" को ही "आरोग्य विज्ञान" कहा जाता है।

        हमारे समाज में आज भी यह अंधविश्वास है कि रोग, बीमारी अस्वस्थ रहने के कारण नहीं बल्कि देवी-देवताओं या भूत प्रेतों की अप्रसन्नता के कारण होता है। इसी अंधविश्वास को दूर करने के लिए बालक को स्वास्थ्य शिक्षा देना अति आवश्यक होता है और उन्हें यह बताना भी की कोई भी रोग या बीमारी किसी भूत-प्रेत की वजह से नहीं बल्कि स्वास्थ्य के नियमों का पालन ना करने की वजह से होता है। इसीलिए स्वस्थ रहने के लिए स्वास्थ्य के नियमों का पालन करना चाहिए। जिसके लिए स्वास्थ्य शिक्षा दी जाती है।

      कहा भी जाता है कि स्वस्थ व्यक्ति निराशावादी (Pessimistic), नकारात्मक नहीं होता है बल्कि वह आशावादी (Optimistic) सकारात्मक सोच रखता है। स्वास्थ्य के बारे में कहा भी गया है कि-

If Wealth is lost, Nothing is lost.
but if health is lost, Everything is lost.

यदि धन चला गया तो कुछ नहीं गया,
 लेकिन यदि स्वास्थ्य चला गया तो सब कुछ चला गया।

It is health that is the real wealth and not the pieces of 
gold and silver.

स्वास्थ्य ही सच्ची दौलत है, सोने चांदी के टुकड़े नहीं।

Early to bed and early to rise 
makes a man
Healthy, Wealthy and Wise.

जल्दी सोना और जल्दी उठना एक आदमी को 
स्वास्थ्य, धनी और बुद्धिमान बना देता है।

Health is that precious wealth 
which all the money in the world can not buy.

स्वास्थ वह बेशकीमती दौलत है, 
जिसे दुनिया की सारी दौलत मिलकर भी नहीं खरीद सकती।

Health is not valued till sickness comes.

स्वास्थ्य की कीमत तब तक नहीं समझी जाती जब तक की बीमारी नहीं घेर लेती।

      विदेशों में स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता है लेकिन भारत में अभी भी स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी है।
उदाहरण स्वरुप, 
                         विदेशों में दांतो का निरीक्षण बचपन से ही करवाया जाता है लेकिन भारत में जब तक दांतों में कोई तकलीफ नहीं हो जाती तब तक कोई दर्द चिकित्सक के पास नहीं जाता है। भारत में स्वास्थ्य की अवधारणा को बदलने में और सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करने में विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) का बहुत बड़ा योगदान है।

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