गुरुवार, 22 मई 2025

एक कलाकार थी वह मेरे सपनों की...

एक कलाकार थी वह मेरे सपनों की,

 उसने एक प्यारी सी मेरी तस्वीर बनाई थी।

 शायद!!! दुनिया की भीड़ में मैं कहीं खो ना जाऊं,

 इसलिए अपने दिल में उसने मुझे बंदी बनाई थी।


 शायद वह CBSE से पढ़ी थी,

लेकिन Hi, How are You के बाद हिंदी लगाई थी।

 पहले तो ठीक-ठाक रहता था मैं,

लेकिन उस दिन बिखर गया।


जिस दिन उसने भारतीय परिधान पहना, 

और फिर बिंदी लगाई थी।

 सोचिये🤔 क्या हुआ होगा उस दिन मेरा ?

 जब वह दूर से देखकर मुझे मुस्कुराई☺️ थी।


उस वक्त मैंने नजरे झुकाई, 

और अपने दिल को थाम ली थी।

 वो भी बहुत समझदार थी,

मुझसे नजरें हटाई एवं किसी और से नजरें मिलाई थी।


मैं कैसा था? यह तो पूछो ही मत,

उसकी याद में मैंने रातभर दिल को जलाई❤️‍🔥 थी।

हर कोई मेरा हाल पूछता था,

बार-बार उसका नाम पूछता था।


 मैं भी अपनी निगाहों पर पाबंदी लगा बैठा था,

 बंद करके उसे दिल के किसी कोने में ताला लगा बैठा था।

 वो नहीं चाहती थी उसका नाम जहां में आएं,

 और मुझको ऐसा करने पर उसने पाबंदी लगाई थी।


एक कलाकार थी वह मेरे सपनों की,

 उसने मेरी एक प्यारी सी तस्वीर बनाई थी।

 शायद दुनिया की भीड़ में मैं कहीं खो ना जाऊं,

 इसलिए अपने दिल में मुझे बंदी बनाई थी।


विश्वजीत कुमार✍️


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