सेवा में,
मेरी प्रिय स्वर्गीय मादा मच्छर🦟,
ना जाने कब तु मेरे प्यार❤️ में पड़ी।
मेरे करीब आई 💞
...और मुझे छूने की अपनी ख्वाहिश पूरी करते ही,
तुम दुनिया को छोड़ कर चली गई।🥲
...और इस बात कि मुझे भनक तक नहीं पड़ी!!!
पर तुम्हारे प्रेम😍 का असर💓 मुझ पर भी होने लगा था।
सांसे तेज हो रही थी।
तुम्हारे इश्क🥰 का बुखार 102 डिग्री🤒 वाला था।
उल्टियों की बौछार🤑,
रुकने का नाम नहीं ले रही थी।
रातो को नींद नहीं था,
बदन टूटने लगा था।
पर तभी सभी सबूतों और गवाहों ने मुझे बताया,
कि मेरा रोम-रोम तुम्हारा कर्जदार हो चुका है।
काश!!!
अब काश के अलावा,
मेरे पास कुछ बचा नहीं है।😢
एक बार तो मुझसे बाते करती,
बैठती मैं समझाता।
तुम्हारा हाथ पकड़कर 👫
मैं रोक लेता।
पर ऐसे जाने ना देता,
तुम तो चली गई पर मुझे...
...डेंगू... 🦟 दे गई।
साभार - सोशल मीडिया
बहुत अच्छी एवं वास्तविक रचना हैं।
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