शनिवार, 26 दिसंबर 2020

इसलिए राह संघर्ष की हम चुनें, जिंदगी आंसुओं से नहाई ना हो...

 


इसलिए राह संघर्ष की हम चुनें, जिंदगी आंसुओं से नहाई ना हो... विडियो लिंक:- https://www.youtube.com/watch?v=TAS33InEZKg



इसलिए राह संघर्ष की हम चुनें,

जिंदगी आंसुओं से नहाई ना हो I

शाम सहमी न हो रात हो ना डरी,

भोर की आँख फिर डबडबाई ना हो I

सूर्य पर बादलों का न पहरा रहे,

रौशनी रोशनाई में डूबी ना हो I

यूँ न ईमान फुटपाथ पर हो खड़ा,

हर समय आत्मा सबकी ऊबी ना हो I

आसमां में टंगी हो न खुशहालियां,

कैद महलों में सबकी कमाई ना हो I

इसलिए…इसलिए…II इसलिए…इसलिए…II इसलिए राह संघर्ष की हम चुनें,

कोई अपनी ख़ुशी के लिए गैर की,

रोटियां छीन ले हम नहीं चाहते I

छींटकर थोड़ा चारा कोई उम्र का,

हर ख़ुशी बीन ले हम नहीं चाहते I

हो किसी के लिए मखमली बिस्तरा,

और किसी के लिए एक चटाई ना हो I

इसलिए…इसलिए…II इसलिए…इसलिए…II इसलिए राह संघर्ष की हम चुनें,

अब तमन्नाएं फिर ना करें खुदकुशी,

ख्व़ाब पर खौफ की चौकशी ना रहे I

श्रम के पांव में हो ना पड़ी बेड़ियां,

सत्य की पीठ अब ज्यादती ना सहे I

दम ना तोड़े कहीं भूख से बचपना,

रोटियों के लिए फिर लड़ाई ना हो I

इसलिए…इसलिए…II इसलिए…इसलिए…II

इसलिए राह संघर्ष की हम चुनें,

जिंदगी आंसुओं से नहाई ना हो I

शाम सहमी न हो रात हो ना डरी,

भोर की आँख फिर डबडबाई ना हो I इसलिए…इसलिए…II इसलिए…इसलिए…II

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