इसलिए राह संघर्ष की हम चुनें, जिंदगी आंसुओं से नहाई ना हो... विडियो लिंक:- https://www.youtube.com/watch?v=TAS33InEZKg
इसलिए राह संघर्ष की हम चुनें,
जिंदगी आंसुओं से नहाई ना हो I
शाम सहमी न हो रात हो ना डरी,
भोर की आँख फिर डबडबाई ना हो I
सूर्य पर बादलों का न पहरा रहे,
रौशनी रोशनाई में डूबी ना हो I
यूँ न ईमान फुटपाथ पर हो खड़ा,
हर समय आत्मा सबकी ऊबी ना हो I
आसमां में टंगी हो न खुशहालियां,
कैद महलों में सबकी कमाई ना हो I
इसलिए…इसलिए…II इसलिए…इसलिए…II इसलिए राह संघर्ष की हम चुनें,
कोई अपनी ख़ुशी के लिए गैर की,
रोटियां छीन ले हम नहीं चाहते I
छींटकर थोड़ा चारा कोई उम्र का,
हर ख़ुशी बीन ले हम नहीं चाहते I
हो किसी के लिए मखमली बिस्तरा,
और किसी के लिए एक चटाई ना हो I
इसलिए…इसलिए…II इसलिए…इसलिए…II इसलिए राह संघर्ष की हम चुनें,
अब तमन्नाएं फिर ना करें खुदकुशी,
ख्व़ाब पर खौफ की चौकशी ना रहे I
श्रम के पांव में हो ना पड़ी बेड़ियां,
सत्य की पीठ अब ज्यादती ना सहे I
दम ना तोड़े कहीं भूख से बचपना,
रोटियों के लिए फिर लड़ाई ना हो I
इसलिए…इसलिए…II इसलिए…इसलिए…II
इसलिए राह संघर्ष की हम चुनें,
जिंदगी आंसुओं से नहाई ना हो I
शाम सहमी न हो रात हो ना डरी,
भोर की आँख फिर डबडबाई ना हो I इसलिए…इसलिए…II इसलिए…इसलिए…II
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