बुधवार, 6 नवंबर 2024

छठ पूजा (Chhath Puja)

छठ पूजा

      छठ!!! कइसे बताईं कि का ह कवनो घर के ई केवाड़ी ना ह, कि खोल के देखा दी। ई छुपावे वाला भी ना ह कि परदा उठा के देखा दी।


ई त भाव हऽ, माई के प्रति अपना बच्चा के। 

ई त प्रेम अउर श्रद्धा हऽ, आराध्य के प्रति आपन भक्त के। 


    जानतानी, जब कातिक में!!! छठ के गीत सुनाला, त देहि के एक-एक रोवा हर्षित अउर पुलकित हो जाला। कबो-कबो तो अनासे आंखों भर जाला।जब पोखरा, ताल, तलईया, नदी सब जगह साफ-सफाई होखे लागेला, त अइसन लागेला कि साक्षात माई लक्ष्मी, छठ माई के दर्शन करे खातीर धरती पर आवतारी।


      जब आंगन में, छत पर, डाढ़ा पर कौवा बोले लागेला, तब बुझा जाला कि माई खातिर दउरत केहू परदेश से आवता। का जाने कइसे ओह घरी मनवाँ में जवन मईल रहे ला नू, उहो धोवा के मन एकदम शुद्ध और पवित्र हो जाला। हरदी, अदरक, केला, सेव, नाशपाती, गागल, नारियल, अनारस, ऊखी (गन्ना), आवरा, शरीफा, अभरक, सब मिलके दउरा में अइसे सजेला जइसे सभे गर्व करत होखे कि, हम माई खातिर माई के साथे मिले जा तानी।लवंग, इलायची, छाक, पान-सोपाड़ी, कचवनिया, ठेकुआ, पूड़ी, चना सब एक दोसरा के सहयोग करत अइसन इतराले कि जइसे आज इहन लोग के ही दिन ह


       छठ माई अइसने किरपा सब जनमानस पर बनवले राखीं कि, सबके मन पवित्र, आत्मा शुद्ध, होत रहो आ सब एक साथ एक घाट पर बइठ के छठी माई अउर सुरूज नारायण स्वामी के ई महापर्व के मनावत रहो।🙏


जय छठी मईया.🙏


साभार - सोशल मीडिया


Chhath Puja


       How can I tell you what Chhath is? It is not the door of a house that will be opened. It is not even going to hide that it will lift the veil. 


It is the feeling, of the mother to her child. 

It is the love and devotion of one's devotee to the adorable.


You know!!!, when in Kartik!!! When Chhath songs are sung, every hairs in the body becomes joyful and ecstatic. Sometimes my eyes are filled with tears. When ponds, lakes, rivers everywhere starts to be cleaned, it feels like Goddess Lakshmi is coming to earth to see Chhath Maai.


      When the crow starts crowing in the courtyard, on the roof, on the tree, it is understood that someone is coming from abroad running for his mother. I don't know how the dirt in the mind at that time is washed away and the mind becomes completely pure and holy. Turmeric, ginger, banana, apple, pear, Gagal, coconut pomegranate, Ookhi (sugarcane), awara, sharifa, abharak, all fruits together decorate the daura as if everyone is proud that, I am going to meet Chhath Maai. Cloves, cardamom, chhak, pan-sopadi, kachwania, Thekua, pudi, gram all cooperate with each other as if today is their day.


     May Chhath Maai keep such grace on all the people that, everyone's minds are holy, souls are pure, and all sit together at one ghat and celebrate this great festival of Chhath Maai and Suruj Narayan Swami.🙏


Jai Chhath Maiya.🙏


Source: Social Media

बुधवार, 30 अक्तूबर 2024

मेरे प्रिय स्वर्गीय मादा मच्छर 🦟,


 

सेवा में,

 मेरी प्रिय स्वर्गीय मादा मच्छर🦟, 

ना जाने कब तु मेरे प्यार❤️ में पड़ी।

मेरे करीब आई 💞

...और मुझे छूने की अपनी ख्वाहिश पूरी करते ही, 

तुम दुनिया को छोड़ कर चली गई।🥲


...और इस बात कि मुझे भनक तक नहीं पड़ी!!!

 पर तुम्हारे प्रेम😍 का असर💓 मुझ पर भी होने लगा था।

 सांसे तेज हो रही थी।

 तुम्हारे इश्क🥰 का बुखार 102 डिग्री🤒 वाला था।


 उल्टियों की बौछार🤑, 

रुकने का नाम नहीं ले रही थी।

 रातो को नींद नहीं था, 

बदन टूटने लगा था।


 पर तभी सभी सबूतों और गवाहों ने मुझे बताया,

 कि मेरा रोम-रोम तुम्हारा कर्जदार हो चुका है।

 काश!!! 

अब काश के अलावा, 

मेरे पास कुछ बचा नहीं है।😢


एक बार तो मुझसे बाते करती,

बैठती मैं समझाता।

तुम्हारा हाथ पकड़कर 👫

मैं रोक लेता।


पर ऐसे जाने ना देता,

 तुम तो चली गई पर मुझे...

...डेंगू... 🦟 दे गई।


साभार - सोशल मीडिया 

मंगलवार, 29 अक्तूबर 2024

किराए का घर (Rent House)



किराए का घर बदलने पर सिर्फ एक किराए का घर नहीं छूटता,

उसके साथ एक किराने की दुकान भी छूट जाती है।


कुछ भले पड़ोसी छूट जाते हैं कुछ पेड़ कुछ पखेरू एक सब्जी की दुकान छूट जाती है,

छूट जाते हैं चाय के अड्डे वहाँ की धूप हवा पानी कुछ ठेले और खोमचे।


जिन सड़कों पर सुबह शाम चलते थे अचानक उनका साथ छूट जाता है,

हमारे लिए एक साथ कितना कुछ छूट जाता है और उन सबके लिए बस एक अकेला मैं छूटता हूँ।


- संदीप तिवारी✍🏻

बुधवार, 23 अक्तूबर 2024

स्वास्थ्य के हिसाब से चाय ☕


नींबू वाली चाय पेट घटाए,

अदरक वाली चाय खराश मिटाए।

नीम्बु पत्ती की चाय माइग्रेन भगाये,

अमरुद पत्ती की चाय ताजगी लौटाये।


गुडहल पत्तियों की चाय ह्युम्निटी बढाये,

हरसिंगार पत्ती की चाय हड्डी दर्द बुखार भगाये।

लेमन ग्रास की चाय स्फुर्ती लौटाये,

मसाले वाली चाय इम्युनिटी बढ़ाए।


मलाई वाली चाय हैसियत दिखाए,

सुबह की चाय ताजगी लाए ।

शाम की चाय थकान मिटाए।

दुकान की चाय मजा आ जाए,

पड़ोसी की चाय व्यवहार बढ़ाए।


मित्रों की चाय संगत में रंगत लाए,

पुलिसिया चाय मुसीबत से बचाए। 

अधिकारियों की चाय फाइलें बढ़ाए,

नेताओं की चाय बिगड़े काम बनाए।


विद्वानों की चाय सुंदर विचार सजाए,

कवियों की चाय भावनाओं में बहाए। 

रिश्तेदारों की चाय संबंधों में मिठास लाए,

चाय, चाय, चाय, सबके मन भाय।


एक चाय भूखे की भूख मिटाए,

एक चाय आलस्य भगाए ।

एक चाय भाईचारा बढ़ाए,

एक चाय सम्मान दिलाए।


एक चाय हर काम बन जाए,

एक चाय हर गम दूर हो जाए।

एक चाय रिश्तो में मिठास लाए।

एक चाय खुशियाँ कई दिलाए।


एक चाय प्रधानमंत्री बनाए,

चाय पिए और चाय पिलाए।

जीवन को आनंदमय बनाए।

जीवन को आनंदमय बनाए।


 साभार - सोशल मीडिया 


रविवार, 13 अक्तूबर 2024

झिझिया मैथिली लोकगीत (Jhinjhiya Folk Dance)

Completed work on 𝐉𝐡𝐢𝐣𝐡𝐢𝐲𝐚 झिझिया।

 

Jhijhiya is a cultural dance from the Mithila region. Jhijhiya is mostly performed at time of Dashain, in dedication to Durga Bhairavi, the goddess of victory. While performing jhijhiya, women put lanterns made of clay on their head and they balance it while they dance.

साभार :- @mithilaartpaintings



मैथिली लोकगीत


तोहरे भरोसे ब्रहम बाबा झिझिया बनइलिअइ हो

तोहरे भरोसे ब्रहम बाबा झिझिया बनइलिअइ हो

ब्रहम बाबा झिझरी पर होईअऊ न असवार

अबोधवा बालक तोहर किछियो न जानय छौ हो

ब्रहम बाबा झिझरी पर होईअऊ न असवार


तोहरे अंगनमा ब्रहम बाबा जुड़वा बनइलिअइ हो

तोहरे अंगनमा ब्रहम बाबा जुड़वा बनइलिअइ हो

ब्रहम बाबा जुड़वा पर होईअऊ न असवार

अबोधवा बालक तोहर किछियो न जानय छौ हो


कंहवा से अईतय मईया हरिन सुगवा हो

मईया गे कंहवा से अयतई भैरो भाई

सड़क पर झिझरी खेल आयब हो


ससुरा से अईलय मईया हे हरिन सुगवा हो

मईया हे नईहर से अयलई भैरो भाई

सड़क पर झिझरी खेल आयब हो


किए पानी मईया हे देबई हरिन सुगवा हो

मईया हे किए पानी देबई भैरो भाई

सड़क पर झिझरी खेल आयब हो


झारी पानी देबई मईया हे हरिन सुगवा हो

मईया हे लोटे पानी देबई भैरो भाई

सड़क पर झिझरी खेल आयब हो


माछ मारs गेले डयनियाँ बाबा के पोखरिया

माछ मारs गेले डयनियाँ बाबा के पोखरिया

मारि लैले कतरी मछरिया गे

चल चल गे डयनियाँ ब्रहम तर

तोरा बेटा के खयबऊ ब्रहम तर


तोहरे भरोसे ब्रहम बाबा झिझिया बनइलिअइ हो

ब्रहम बाबा झिझरी पर होईअऊ न असवार...


       झिझिया मैथिली लोकगीत बिहार और नेपाल के मिथिला क्षेत्र में प्रसिद्ध एक पारंपरिक लोकगीत है। यह गीत विभिन्न अवसरों पर गाया जाता है, जैसे कि विवाह, त्योहार, और अन्य सामाजिक समारोह। झिझिया गीतों में समाजिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों को दर्शाया जाता है।


 झिझिया नृत्य की परिकल्पना करने पर हमें निम्न बिंदु परिलक्षित होते हैं।

1. पारंपरिक परिधान:- महिलाएँ साड़ी पहनकर और पुरुष धोती-कुर्ता पहने  नाच रहे है। 

2. संगीत वाद्य:- ढोल, बंजीरा और सारंगी जैसे वाद्य यंत्र बजाये जा रहे है।

3. सुरम्य पृष्ठभूमि:- खेतों, तालाबों और आम के बागों के बीच नृत्य का दृश्य मनोरम छवि का निर्माण कर रहा है।

4. उत्सव का माहौल:- रंग-बिरंगे कपड़े पहने सभी लोग उत्साह से आनंद ले रहे है।

मंगलवार, 8 अक्तूबर 2024

मुश्किल बा डगरिया, लेकिन कट जाई।

 

तनी मुश्किल बा डगरिया,

लेकिन कट जाई। 

भी बदरी बा दुख के तऽ का भईल,

आई समईया ईहो, छंट जाई।


चलत रहिहऽ तू रहिया, हार जन मनिहऽ,

जानें कब तोहार भगिया पलट जाई।


जब थाक जाए मनवां, याद करिहा तु घरवां, 

बाबू - माई के दुखवा, और उनकर कहनवां, 

सारा दुखवा थकनवा उचत जाई,


चलत रहिह तू रहिया हार जन मनिह, 

जानें कब तोहार भगिया पलट जाई।


कबो सोचिह तू गौवां ज्वार वाला बतिया,

गेहूं के कटनी में बितल ऊ खेत वाला रतिया, 

तोहर मुश्किल के घड़ी सब कट जाई।


चलत रहिह तू रहिया हार जन मनिह, 

जानें कब तोहार भगिया पलट जाई।


चाहें देशवा में रहिहऽ या विदेशवा में जईहा,

आपन माटी और बोली के कबो जन भुलइहऽ,

ईहे सिखवां से जीवन तोहार कट जाई।


चलत रहिह तू रहिया हार जन मनिह,

जानें कब तोहार भगिया पलट जाई।।


शिवा शशांक ओझा✍🏻

रविवार, 15 सितंबर 2024

ऐ शेखपुरा मेरी जान💗 हो तुम। Aye Sheikhpura meri jaan💗 ho tum.



 शेखपुरा मेरी जान💗 हो तुम।


मेरे गांव का वह कच्चा मकान हो तुम।

जहां खेल-कूद कर हम बड़े हुए,

उस बचपन से लेकर जवानी तक की पहचान हो तुम।


  शेखपुरा मेरी जान हो तुम।


कभी किसी की खौफ की कहानी,

तो वही राजो सिंह की कल्पना का आकार हो तुम।


 शेखपुरा मेरी जान हो तुम। 


गणेश होटल की कभी ना भूलने वाली समोसा हो,

तो वही निताई चौक के पास मिलने वाली तीखे गोलगप्पे का स्वाद हो तुम।


बंगाली चाय की सौंधी-सी महक हो।

चांदनी चौक के मोमो की दुकान पर लगी, 

भीड़ की चहक हो तुम।

खुद के चार्ट को एक दूसरे से बेहतर बताने वाली कटरा चौक की वह दुकान हो तुम।


ऐ शेखपुरा मेरी जान हो तुम। 


गिरीहिंदा पहाड़ पर स्थित, 

बाबा कामेश्वर नाथ का धाम हो तुम। 

बुधौली का वो कभी ना हटने वाला जाम हो तुम।


गिरीहिंदा माता के मंदिर में बजने वाला, 

वह रिमझिम-सी आवाज हो तुम।

वही श्यामा सरोवर पार्क में, 

टहलते लोगों के पैरों की पदचाप हो तुम।

अनुमंडल ग्राउंड में खेलते खिलाड़ियों की संतुष्टि भरी थकान हो तुम।


ऐ शेखपुरा मेरी जान हो तुम।


गिरीहिंदा बस स्टैंड पर आती-जाती बसों में, 

बैठी सवारियों का ब्यौरा हो तुम।

हॉस्पिटल रोड में घुसते ही एंबुलेंस की आवाज हो तुम।

पुलिस लाइन में खड़े उस सिपाही की वर्दी की गर्मी हो तुम।

नवोदय विद्यालय में नामांकन के लिए, 

पढ़ते एवं पढ़ाते छात्रों का मेला हो तुम।


  शेखपुरा मेरी जान हो तुम।


सब्जी मंडी में बिकती भाजियों का बाजार हो तुम। 

तो वहीं बैठ कर भीख मांगती, 

उस बुड्ढी मां के सर का छत हो तुम। 

लेबर चौक के पास बैठे कार्य की तलाश में, 

उन मजदूरों की आस हो तुम।


  शेखपुरा मेरी जान हो तुम।


दशहरा में घूमने आए लोगों का बलखाता रेला हो तुम।

शेखपुरा स्टेशन से गुजरती वह धर-धराती सी ट्रेन हो तुम।

तो वही पास सड़क से निकलता हुआ कोई राहगीर हो तुम।

 टाटी नदी का बहता कल-कल पानी हो तो

वही अरघवटी छठ घाट पर आई व्रतियों की आस्था की कहानी हो तुम।


  शेखपुरा मेरी जान हो तुम।


बड़ी दुर्गा जी के पास वह बड़ा वाला दुर्गा पंडाल हो तुम।

कच्ची रोड पर कोचिंग पढ़ने आए छात्रों के सपनों की सुनहरी मुस्कान हो तुम।

ए टू जेड मैथ क्लासेस की सेवा प्रणायता की, 

दर्शनाथ हो तुम।


  शेखपुरा मेरी जान हो तुम।


स्कूल से छुटे बच्चों की मौजूद किलकारी हो तुम। 

दल्लू मोड़ में बेफिक्र घूमते मस्त मौलो की, 

सीटी बजाती टिटकारी हो तुम।

हुसैनाबाद से आती वह अजान हो 

शिव मंदिर बंगाली पर की शंखनाद हो तुम। 


....और क्या बताएं कहां-कहां और क्या-क्या हो तुम।


बस इतना जान लो इस शहर में बसने वाले हर एक वाशिंदे के नस-नस में हो और सबके चेहरे की वह मीठी मुस्कान 😊 हो तुम। 


किसी और का तो पता नहीं लेकिन

  शेखपुरा मेरी जान हो तुम।


   शेखपुरा मेरी तो जान हो तुम।

   शेखपुरा मेरी तो जान हो तुम।


विश्वजीत कुमार ✍🏻